Madhya Pradesh: भोपाल नगर निगम ने ‘दानापानी गार्बेज ट्रांसमिशन सेंटर’ पर एक रिसाइकिलिंग हब बनाया है। जो कि ट्रिपल आर यानी रिड्यूस, रियूज और रिसाइकिल के सिद्धांत पर काम करेगा।
भोपाल के इस रिसाइकिलिंग हब में मंदिरों से निकलने वाले नींबू, फूल माला और नारियल सहित शहर के कचरे को रिसाइकल करके रोजमर्रा के इस्तेमाल में आने वाली चीजें तैयार की जा रही है।
सबसे पहले मंदिरों में चढ़ाए जाने वाले फूल, नींबू समेत घरों और सब्जी मंडियों में निकलने वाले जैविक कचरे को इकट्ठा किया जाता है। फिर उसे रिसाइकिलिंग हब में ले जाया जाता है, जहां रिसाइकिल करने से पहले उसे सावधानी के साथ अलग किया जाता है।
नगर निगम ऑर्गनाइज तरीके से मंदिरों में चढ़ाए जाने वाले नींबू, संतरा और मौसमी के छिलके से बायो-एंजाइम तैयार करता है। इसका इस्तेमाल साफ-सफाई में किया जाता है। साथ ही ये कीटनाशक और उर्वरक के रूप में भी काम आता है।
भोपाल नगर निगम ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वैज्ञानिकों की मदद से इस बायो-एंजाइम को तैयार किया है।
रिसाइकिल हब अभी आंशिक रूप से ही चालू है, लेकिन इसने बड़ी मात्रा में रीसाइकिल किए गए सामान का उत्पादन शुरू कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि जनवरी के आखिर तक ये पूरी तरह से चालू हो जाएगा।