Nagpur violence: महाराष्ट्र के नागपुर की हसनबाग बस्ती में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद (VHP) के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान भी यहां शांति बनी रही। इलाके के प्रवेश द्वार का नाम औरंगजेब के नाम पर है और साथ ही चौक का भी उसी नाम रखा गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि गेट का नाम 1989 में रखा गया था, जबकि इलाके का निर्माण 1978 में हुआ था। नागपुर के कई इलाकों में बड़े पैमाने पर पथराव और आगजनी की खबरें आईं, जब विरोध प्रदर्शन के दौरान पवित्र लाइनों वाली चादर को जलाने की अफवाह फैलने लगी।
हिंसा में तीन DCP रैंक के अधिकारियों सहित 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। पुलिस के अनुसार, पुलिस ने हिंसा के मुख्य आरोपी फहीम खान और पांच अन्य पर देशद्रोह और सोशल मीडिया पर गलत सूचना फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया है। हिंसा के तीन दिन बाद शहर के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू हटा लिया गया या उसमें ढील दी गई।
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