Mumbai: वायु गुणवत्ता खराब होने पर बीएमसी की गाइडलाइंस जारी

Mumbai:  मुंबई में कल शहर की 22 एयर क्वलालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम्स में से 17 में एयर क्वालिटी मध्यम श्रेणी में बनी रही, जबकि चार इलाकों में ‘खराब’ एयर क्वालिटी दर्ज की गई। इसके बाद बीएमसी बेहतर एयर क्वालिटी सुनिश्चित करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया या दिशानिर्देश जारी करेगी।

बीएमसी की एक विज्ञप्ति में 15 दिनों के भीतर सभी निर्माण स्थलों पर स्प्रिंकलर सिस्टम और 30 दिनों के भीतर एंटी-स्मॉग गन लगाने की सलाह दी गई है। इसके अलावा निर्माण कार्यों में निकले मलबे को ले जाने वाले वाहनों को तिरपाल से ढंकना और ये सुनिश्चित करना शामिल है कि वे निर्धारित भार से ज्यादा ना ले जाएं। ऐसे वाहनों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी जो अपनी सेवा अवधि पार कर चुके हैं, जिनके पास प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणपत्र नहीं है या जो ओवरलोडिंग कर रहे हैं।

एयर क्वालिटी की बात करें तो शून्य और 50 के बीच एक AQI को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 और 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार मुंबई की एयर क्वालिटी इंडेक्स यानि एक्यूआई 159 दर्ज किया गया, जो ‘मध्यम’ श्रेणी में आता है। वहीं पश्चिमी उपनगरों में बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में रविवार सुबह 238 एक्यूआई दर्ज किया गया जो कि खराब श्रेणी में आता है। इसके बाद सायन में 216, कोलाबा में 212 और मुलुंड में 211 एक्यूआई दर्ज किया गया। वर्ली में एक्यूआई 90 रहा जो कि संतोषजनक श्रेणी में आता है।

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मौसम विभाग द्वारा बताया गया कि “अरब सागर के ऊपर से एक चक्रवाती तूफान यमन की ओर आ रहा है, जिसे तेज नाम दिया गया है और बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक और चक्रवाती तूफान है और धीरे-धीरे ये बांग्लादेश की ओर बढ़ेगा क्योंकि हमारे राज्य में नमी का आक्रमण पूर्वी हवा के माध्यम से हो रहा है।

इस बीच बीएमसी ने चेतावनी दी है कि अगर धूल और प्रदूषण नियंत्रण के उपाय नहीं किए जा रहे हैं तो वो कहीं भी निर्माण कार्यों को रोक देगा, चाहे वो निजी साइट हो या सरकारी परियोजना। वर्तमान में शहर में 6,000 साइटों पर निर्माण कार्य चल रहा है। हवा की खराब गुणवत्ता महत्वपूर्ण स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ी है, जिसका असर सबसे अधिक बीमार बुजुर्गों, बाहर निकलने वाले लोगों पर पड़ता है।

वहीं निवासियों का कहना है कि “यहां मेट्रो का कंस्ट्रक्शन है फ्लाईओवर बने रहे तो वो एक रीजन हो सकता है। नहीं तो आमतौर पर सर्दियां में ऐसा होता है। लेकिन इस बार यह जल्दी से हो रहा है। शरीर के भीतर खराब सांस लेने से बचने के लिए, लोगों को सुरक्षा के लिए मास्क पहनना चाहिए। ऐसा करने से प्रत्येक व्यक्ति सरकार या किसी अन्य पर निर्भर रहने के बजाय अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी स्वयं ले सकता है। “

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