Maharashtra: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मतदाता सूचियों में कथित विसंगतियों पर सवाल उठाने के लिए विपक्ष और शीर्ष चुनाव अधिकारियों के बीच हुई बैठकें स्थानीय निकाय चुनावों से पहले एक विमर्श गढ़ने का प्रयास थीं, उन्होंने इस बातचीत को नाकाम बताया।
उन्होंने कहा कि विपक्ष चुनावी हार को स्वीकार करने और जनता के पास जाने के बजाय लोकतांत्रिक संस्थाओं और संविधान पर आक्षेप लगा रहा है।
विपक्षी नेताओं और राज्य चुनाव आयुक्त दिनेश वाघमारे तथा मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) एस. चोकलिंगम के बीच मुंबई में लगातार दूसरे दिन हुई बैठक तथा मतदाता सूचियों से (शुचिता से) “गंभीर रूप से समझौता किए जाने और त्रुटिपूर्ण” होने के आरोपों पर मुख्यमंत्री प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे।
विपक्षी नेताओं ने यह भी मांग की कि विसंगतियों से भरी सूचियों का इस्तेमाल आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में नहीं किया जाना चाहिए। फडणवीस ने बताया कि स्थानीय निकायों के चुनाव राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराई गई मतदाता सूची के आधार पर कराए जाते हैं।
उन्होंने सोलापुर में कहा, “अगर सबूत पेश किए जाते हैं, तो सूचियों में बदलाव और नाम हटाए जाते हैं।” फडणवीस ने कहा कि पिछले दो दिनों की बैठकें एक विमर्श गढ़ने की कोशिश थीं।
उन्होंने कहा, “ये बैठकें असफल रहीं क्योंकि विपक्षी नेताओं को यह पता ही नहीं था कि कौन से प्रश्न पूछें और किससे पूछें।” उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ दल भी चाहते हैं कि चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष तरीके से हों तथा वे उचित मतदाता सूची की मांग का समर्थन करते हैं।