Rajouri: पहलगाम में आतंकवादी हमले के तीन दिन बाद जम्मू-कश्मीर के राजौरी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई, सुरक्षा बलों द्वारा वाहनों की जांच की जा रही है, अलग-अलग जगहों पर कई चेक प्वाइंट बनाए गए हैं।
एनआईए की विशेष टीमों ने दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादियों द्वारा किए गए घातक हमले में सुरक्षित बचे पर्यटकों सहित चश्मदीदों से संपर्क करना शुरू कर दिया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को ये जानकारी दी।
22 अप्रैल को हुए इस आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। इस मामले की शुरुआती जांच से पता चलता है कि इसमें शामिल आतंकवादियों की संख्या पांच से सात हो सकती है। अधिकारियों ने बताया कि उन्हें पाकिस्तान में प्रशिक्षण लेने वाले कम से कम दो स्थानीय आतंकवादियों से मदद मिली थी।
हालांकि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अब तक इस मामले को अपने हाथ में नहीं लिया है, लेकिन इसकी टीमों ने उन सुरागों की तलाश में उन लोगों से बातचीत शुरू कर दी है जो हमले में सुरक्षित बच गए थे और जो उन आतंकवादियों को पकड़ने में मदद कर सकते
हैं।
सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकी हमले में शामिल होने के संदेह में तीन लोगों के स्केच भी जारी किए हैं। अधिकारियों ने बताया कि ये सभी पाकिस्तानी हैं, जिनके नाम आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा हैं।
वे कोड नामों – मूसा, यूनुस और आसिफ – का इस्तेमाल करते थे और पुंछ में आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं में शामिल थे। पुलिस ने आतंकवादियों को मार गिराने में मददगार जानकारी देने वाले को 20-20 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है।