आज मानवीय कारणों से वातावरण में ग्रीनहाउस गैसों की बढ़ती मात्रा वैश्विक तापमान और जलवायु परिवर्तन का कारण बन गयी है। इंसानों ने बहुत ही कम अवधि में बहुत ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन कर दिया है। जिसकी प्राकृतिक तरीके से सफाई नहीं की जा सकती। इससे गैसों के उत्सर्जन और उसे हटाने के बीच का जो संतुलन था वो बिगड़ गया है। जो चिंता का विषय बना हुआ है। हालांकि दुनिया के अलग-अलग देश इनको रोकने की लगातार कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में अब न्यूजीलैंड ने भी ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन से निपटने के लिए एक अनोखा फैसला लिया है। जिसके बारे में जानकर आप हैरत में पड़ जाएंगे। तो आइए जानते है क्या है वो अनोखा फैसला…….
मवेशियों के डकार पर टैक्स… किसानों से वसूल
जहां कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन का सबसे बड़ा जरिया पेट्रोलियम ईंधन और परंपरागत चूल्हे हैं। तो वहीं ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कृषि क्षेत्र की बड़ी भूमिका है। बता दें कि न्यूजीलैंड एक बड़ा कृषि निर्यातक देश है। यहां पर जो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन होता है उसका करीब आधा कृषि से होता है। इसमें मुख्य रूप से मीथेन गैस शामिल है। कहा जाता है कि मवेशियों की डकार में ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन होता है, जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है। इसी से निपटने के लिए न्यूजीलैंड सरकार ने देश में मवेशियों के डकार पर टैक्स लगाया है, जो किसानों से वसूला जाएगा।
न्यूजीलैंड दुनिया का बनेगा पहला देश…..ड्राफ्ट तैयार
न्यूजीलैंड सरकार द्वारा एक ड्राफ्ट लॉ पेश किया गया है। जिसके तहत न्यूजीलैंड में अगर किसानों की भेड़ या गाय डकारती है, तो उस पर हर बार टैक्स वसूला जाएगा। वहीं पर्यावरण मंत्रालय के मुताबिक अगर यह कानून का मसौदा अस्तित्व में आ जाता है, तो न्यूजीलैंड दुनिया का पहला देश होगा, जहां किसानों को अपने मवेशियों की डकार पर टैक्स देना होगा। इस ड्राफ्ट को सरकार और कृषि समुदाय के प्रतिनिधियों की तरफ से तैयार किया गया है। बता दें कि 50 लाख की आबादी वाले न्यूजीलैंड में 1 करोड़ मवेशी और 2.6 करोड़ भेड़ें हैं। इस ड्राफ्ट प्लान के मुताबिक किसानों को साल 2025 से अपने गैस उत्सर्जन के लिए टैक्स देना होगा।
ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन पर लगेगी लगाम
ग्लोबल वॉर्मिंग के लिए जिम्मेदार ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन पर लगाम लगाने के लिए न्यूजीलैंड सरकार ने यह कदम उठाया है। जलवायु परिवर्तन मंत्री जेम्स शॉ का कहना है कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि हमें वातावरण में जाने वाली मीथेन गैस की मात्रा को कम करना होगा। उनका कहना है कि इस प्रभावी उत्सर्जन मूल्य निर्धारण प्रणाली की भूमिका अहम होगी। वहीं प्राइमरी सेक्टर पार्टनरशिप ही वाका एके नोआ के चेयरमैन माइखल एही ने कहा कि हमारा लक्ष्य भावी पीढ़ियों के लिए खाने और फाइबर के उत्पादन को बनाए रखना है। इसके लिए हमें वातावरण का खास ध्यान भी रखना होगा।
किसानों के लिए खर्च होगा वसूला गया टैक्स
न्यूजीलैंड सरकार के इस ड्राफ्ट में उन किसानों के लिए इंसेंटिव भी हैं, जो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने मंट मदद करेंगे। वहीं इस योजना के जरिये वसूले गए टैक्स को किसानों के लिए शोध, विकास और एडवाइजरी सर्विसेज पर खर्च किया जाएगा। इस पर अंतिम फैसला दिसंबर में हो सकता है। वहीं न्यूजीलैंड सरकार ने साल 2050 तक कार्बन न्यूट्रैलिटी हासिल करने का लक्ष्य रखा है।