नमिता बिष्ट
तुर्की में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप के झटकों की तीव्रता 5.9 थी। बता दें कि इससे पहले सोमवार को तुर्की और सीरिया में भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए थे। तुर्की में सोमवार को भूकंप के तीन तेज झटके लगे थे। इनमें से पहला भूकंप सुबह 4 बजे 7.8 तीव्रता का आया। इसने सबसे ज्यादा तबाही मचाई। इसके बाद 7.5 और 6 तीव्रता के भूकंप आए। तुर्की में पिछले 24 घंटे में 2900 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं तुर्की-सीरिया में अब तक 4360 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा दोनों देशों में भारी नुकसान भी हुआ है।
तुर्की में 3 साल में 33000 से अधिक बार कांपी धरती
दरअसल तुर्की में भूकंप आना कोई नहीं बात नहीं है। यहां हर दूसरे महीने भूकंप के झटके लगते रहते हैं और इस क्षेत्र को भूकंप के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक स्थानों में से एक माना जाता है। आपदा और आपातकालीन प्रबंधन प्राधिकरण (एएफएडी) ने खुलासा किया है कि पिछले तीन साल में तुर्की की धरती 33,000 से अधिक बार हिल चुकी है। जिनमें से 332 की तीव्रता 4.0 से भी अधिक थी।
1939 में 32 हजार से ज्यादा लोगों की गई थी जान
पिछले साल भी दुनिया के तीन सबसे घातक भूकंप तुर्की या उसके आस-पास के क्षेत्र में आए थे। जनवरी में पूर्वी इलैडुग में 41 लोग मारे गए थे। वहीं उसी साल अक्टूबर में, पश्चिमी इजमिर में 6.6 तीव्रता के भूकंप में 117 लोगों की मौत हो गई थी। तुर्की में 1939 में भी 7.8 का तेज भूकंप आया था, जिसमें 32 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।
तुर्की में क्यों आते हैं इतने भूकंप
तुर्की में बार-बार भूकंप आने का कारण टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। लगभग 8 करोड़ की आबादी वाला देश 4 टेक्टोनिक प्लेटों पर बसा है और एक प्लेट के हिलने से भी पूरा क्षेत्र जोरदार झटके महसूस करता है। तुर्की का सबसे बड़ा हिस्सा एनाटोलियन प्लेट पर बसा है, जो दो प्रमुख प्लेटों, यूरेशियन और अफ्रीकी और एक छोटी, अरेबियन के बीच स्थित है। अफ्रीकी और अरब प्लेटें जैसे ही शिफ्ट होती हैं, पूरा तुर्की जोर से कांपने लगता है।