यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद रूस पर अमेरिका और यूरोपीय देशों के प्रतिबंधो की तैयारियों पर रूस ने पलटवार करते हुए चेतावनी दे डाली है। रूस के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि पश्चिमी देशों को तेल की कीमतों में 300 डॉलर प्रति बैरल से अधिक का सामना करना पड़ सकता है।
बता दें कि रूस की ग्लो बल क्रूड सप्ला3ई में 8 फीसदी जबकि यूरोप को सप्ला ई में 30 फीसदी हिस्सेादारी है। ऐसे में अगर अमेरिका और यूरोपीय देश रूस पर प्रतिबंध लगाएंगे तो इसका बड़ा असर ग्लोबल मार्केट पर साफ नजर आएगा। सोमवार को रूस के डिप्टी प्राइम मिनिस्टिर अलेक्जेंहडर नोवाक ने कहा है कि अगर रूस से कच्चे तेल की सप्लाई पर प्रतिबंध लगाया जाता है तो पश्चिमी देशों को 300 डॉलर प्रति बैरल के भाव खरीद के लिए तैयार रहना होगा। गौरतलब हो कि अमेरिका और यूरोप के रूसी तेल आयात पर प्रतिबंध लगाने के विचार करने वाले बयान के बाद रही सोमवार को ग्लोतबल मार्केट में क्रूड 139 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया था। जो 2008 के बाद यानि 14 सालों का सबसे ऊँचा स्तर है।
जर्मनी की गैस सप्लायई पर रोक
नोवाक ने यूरोपीय देशों को चेतावनी देते हुए कहा, रूस की एनर्जी सप्लावई पर प्रतिबंध लगाता है तो रूस जर्मनी को होने वाली गैस पाइपलाइन सप्लासई को बंद कर देगा। अगर यूरोप रूस से तेल खरीदना नहीं चाहता है तो उसे इसकी भरपाई करने में एक साल से ज्यापदा समय लगेगा। इस दौरान महंगा तेल खरीदने के लिए भी तैयार रहना होगा।