Bakrid 2023: स्वीडन में बकरीद पर युवक ने कुरान जलाकर किया प्रदर्शन, NATO मेंबरशिप पर पड़ सकता है असर

Bakrid 2023:  यूरोपीय देश स्वीडन में ईद-अल-अजहा के मौके पर स्टॉकहोम की एक मस्जिद के बाहर एक शख्स ने कुरान जलाकर प्रदर्शन किया। जिसकी इजाजत उसे स्वीडिश सरकार से परमिशन मिली थी। एक दिन पहले कुरान जलाने की योजना बना रहे व्यक्ति के अभिव्यक्ति की आजादी के तहत एक दिन के प्रदर्शन के लिए ये इजाजत दी गई थी। इस प्रोटेस्ट में सिर्फ एक ही व्यक्ति अपने ट्रांसलेटर के साथ शामिल हुआ था।

मीडिया मुताबिक, प्रदर्शन कर रहे शख्स ने कुरान के कुछ पन्नों को फाड़कर उसमें आग लगा दी। इसके बाद उसने स्वीडन का झंडा भी लहराया। प्रोटेस्ट देख रहे 200 लोगों में से कुछ उसके पक्ष में तो कुछ विरोध में नारे लगाने लगे। इनमें से एक व्यक्ति ने अरबी में गॉड इज ग्रेट चिल्लाकर प्रदर्शनकारी पर पत्थर भी फेंका। इसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया।

यह अनुमति उस व्यक्ति को दी गई है, जिसने पहले भी स्वीडिश राजधानी में इराक के दूतावास के बाहर कुरान जलाने की अनुमति मांगी थी। लेकिन, तब स्वीडिश पुलिस ने उसकी अनुमति को अस्वीकार कर दिया था। इसके बाद उस व्यक्ति ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट की अनुमति के बाद पुलिस को मजबूरन विरोध प्रदर्शन की अनुमति देनी पड़ी है।

Bakrid 2023:  Bakrid 2023:

स्वीडन में कुरान जलाने पर तुर्किये ने विरोध जताया है। तुर्किये के विदेश मंत्रालय ने इसे जघन्य अपराध बताया है। विदेश मंत्री हकन फिदान ने ट्वीट कर कहा- अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कोई भी इस्लाम विरोधी प्रदर्शन नहीं कर सकता है। हमें इसे स्वीकार नहीं करेंगे। अगर कोई देश NATO में शामिल होकर हमारा साथी बनना चाहता है तो उसे इस्लामोफोबिया फैला रहे आतंकियों को काबू में करना होगा।

स्वीडन के प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन ने कहा- मैं इस बात पर कोई अटकलें नहीं लगाना चाहता कि इस प्रदर्शन का हमारी संभावित NATO मेंबरशिप पर क्या असर पड़ेगा। इस तरह का विरोध प्रदर्शन कानून के दायरे में आता है लेकिन फिर भी ये सही नहीं है। मामले में क्या कार्रवाई की जाएगी ये पुलिस ही तय करेगी। बता दें कि प्रदर्शन के बाद पुलिस ने उस व्यक्ति के खिलाफ एक धर्म को टारगेट करने का केस दर्ज किया है।

Bakrid 2023: इससे पहले साल की शुरुआत में भी स्वीडन में तुर्किये की एंबेसी के बाहर कुछ लोगों ने प्रदर्शन किया था और कुरान जला दी थी। इसका तुर्किये की राजधानी अंकारा में जमकर विरोध हुआ था। लोगों ने स्वीडन के दूतावास के बाहर प्रदर्शन करते हुए उनके झंडे को जला दिया था। तुर्किये ने इसके लिए स्वीडन की सरकार को जिम्मेदार ठहराया था।

स्वीडन पुलिस ने फरवरी में इराक के दूतावास के बाहर उन्हें कुरान जलाकर प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं दी थी। पुलिस का कहना था कि इससे सामाजिक सौहार्द्र बिगड़ सकता है। एक एंटी-NATO समूह पर भी कुरान की प्रति जलाने पर बैन लगाया गया था, लेकिन इस साल अप्रैल में कोर्ट ने इस बैन को हटा दिया था। कोर्ट ने कहा कि देश के संविधान के तहत लोगों के पास एकजुट होकर प्रदर्शन करने का अधिकार है। अदालत ने यह कहकर इन प्रदर्शनों को मंजूरी दी है कि यह अभिव्यक्ति की आजादी है।

Bakrid 2023:  स्वीडन में मस्जिद के बाहर हुए इस प्रदर्शन का उसकी NATO सदस्यता पर असर पड़ सकता है। दरअसल, स्वीडन में लगातार एंटी-इस्लामिक प्रदर्शन होते रहते हैं। इस वजह से तुर्किये और स्वीडन के रिश्तों में तनाव रहता है। तुर्किये ने स्वीडन पर एक धर्म को टारगेट करने का आरोप लगाते हुए उसकी मेंबरशिप अटका रखी है। हालांकि, स्वीडन ने बार-बार खुद के इस्लाम-विरोधी होने से इनकार किया।

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