नमिता बिष्ट
अगर किसी से भी दुनिया के सबसे इंटेलिजेंट इंसान के बारे में पूछा जाए तो उसका जवाब अल्बर्ट आइंस्टीन या स्टीफन हॉकिंग होगा। जो अपने-अपने वक्त के दिग्गज वैज्ञानिक थे जिनका दिमाग आम लोगों से बहुत तेज था। इन दोनों ने इस दुनिया को अपनी थ्योरी और ज्ञान से नया आयाम दिया था। लेकिन एक 11 साल के बच्चा का आईक्यू इन दोनों वैज्ञानिकों से कहीं ज्यादा है। जो इन दिनों खूब सुर्खियां बटोर रहा है।
दुनिया में 1 फीसदी लोगों का जितना है IQ
स्कॉटलैंड के फीफे का 11 साल का केविन स्वीनी अपने तेज दिमाग की वजह से इन दिनों काफी सुर्खियां बटोर रहा है। दरअसल केविन ने एडिनबर्ग में क्वेकर मीटिंग हाउस में आइक्यू टेस्ट दिया था। जिसमें उसने 162 अंक प्राप्त किए हैं। उसे मेन्सा नाम की आइक्यू सोसाइटी को जॉइन करने का भी ऑफर मिला है।
बता दें कि इतना ज्यादा आईक्यू दुनिया में सिर्फ 1 फीसदी लोगों का होता है.। भौतिक विज्ञानी स्टीफन हाकिंग का आइक्यू स्कोर 160 था और वही आइंस्टीन का आइक्यू भी इसी के समान माना जाता है। टेस्ट में बैठने वाला केविन सबसे कम उम्र वाला प्रतिभागी था। उसके पिता ने बताया कि इस नतीजे का अनुमान हमें पहले ही लग गया था। केविन ने छह साल की उम्र में आवर्त सारणी को याद कर लिया था।
6 साल में याद कर चुका था केमिस्ट्री का पीरियॉडिक टेबल
इस छोटे बच्चे को ऑटिज्म बीमारी है। वो जब 6 साल का था तभी से उसे पूरा पीरियॉडिक टेबल याद हो गया था। प्राइमरी स्कूल शुरू करने से पहले ही उसने पढ़ना शुरू कर दिया था। केविन एकलौता ऐसा बच्चा था जिसे एडिनबर्ग के क्वैकर मीटिंग हाउस द्वारा आयोजित आईक्यू टेस्ट में बैठने दिया गया था। आइंस्टीन या हॉकिंग ने कभी ये टेस्ट नहीं दिया मगर उनका आईक्यू बच्चे से कम माना जाता है।
केविन के माता-पिता सफलता से हैं खुश
बच्चे के माता-पिता को भी उसके ज्ञान पर गर्व है, उन्होंने बताया कि जब बच्चे को रिजल्ट बताया गया तो वो इतना खुश हो गया कि पूरे घर में उछलने-कूदने लगा। उन्होंने कहा कि केविन के जीवन में कई चुनौतियां हैं इसलिए वो आशा करते हैं कि इस सफलता से उसका कॉन्फिडेंस बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि टेस्ट में उसकी उम्र का कोई भी नहीं था, सब उससे काफी बड़े थे और उसने पूरे टेस्ट में सबसे ज्यादा अंक हासिल किया है। बच्चे की मां ने कहा कि वो हमेशा से जानती थीं कि उनका बेटा जीनियस है और वो इस सफलता से बहुत खुश हैं।