World Plastic Surgery Day: जाने प्लास्टिक सर्जरी से जुड़ी अहम जानकारियां

आज क्वालिटी आफ लाइफ के साथ साथ क्वांटिटी आफ लाइफ का महत्व भी लगातार बढ़ रहा है। हमारे देश में विश्व स्तर की तमाम स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध है। अगर प्लास्टिक सर्जरी की बात करें तो भारत प्लास्टिक सर्जरी के क्षेत्र में अमेरिका, ब्राजील और चीन के बाद चौथे स्थान पर है। भारत में प्लास्टिक सर्जरी का बाजार 30 फीसदी प्रतिवर्ष की दर से बढ़ रहा है और यहां प्लास्टिक सर्जरी करवाने वालों में 10 प्रतिशत विदेशी होते हैं। ऐसे में प्लास्टिक सर्जरी का महत्व साफ दिखाई देता है। तो आइए जानते है प्लास्टिक सर्जरी से जुड़ी अहम जानकारियां…..

15 जुलाई को मनाया जाता है विश्व प्लास्टिक सर्जरी दिवस

हर साल 15 जुलाई को विश्व प्लास्टिक सर्जरी दिवस मनाया जाता है। इसको मनाने का निर्णय दुनिया के सभी प्लास्टिक सर्जिकल एसोसिएशन के प्रमुखों ने आज ही के दिन 15 जुलाई 2021 को अमेरिका में हुए सम्मेलन के दौरान लिया था। जो आज के चिकित्सीय जगत में प्लास्टिक सर्जरी की अलग-अलग स्ट्रीम की अहमियत को समझने और समझाने की दिशा मे एक संयुक्त प्रयास है।

क्या है प्लास्टिक सर्जरी ?

आपने कभी ये सोचा है कि जब सर्जरी के दौरान प्लास्टिक की किसी चीज का इस्तेमाल ही नहीं होता तो इसे ऐसा क्यों कहा जाता है?  दरअसल इसका एक कनेक्शलन ब्रेस्ट  इम्लां    ट से है। पहली बार ‘प्लास्टिक सर्जरी’ शब्द का इस्तेमाल 1837 में मेडिकल जर्नल द लांसेट में हुआ था। लेकिन सर्जरी में प्लास्टिक सर्जरी शब्द का इस्तेमाल करने की सटीक वजह दशकों पुरानी है। रिपोर्ट कहती है कि प्लास्टिक लैटिन भाषा के शब्दब प्लास्टिकस से बना है। इसका मतलब होता है किसी चीज का आकार बदलकर फिट करना। ऐसी चीज जिसे अलग-अलग रूप में ढाला जा सके। 17वीं शताब्दी में इस शब्द का इस्तेमाल ज्यादा  किया जाने लगा, क्योंकि इस तरह सर्जरी से इंसानी शरीर के किसी हिस्से‍ को आकार दिया जाता है।  इसलिए इसे प्लास्टिक सर्जरी कहा जाने लगा।

किसी वरदान से कम नहीं प्लास्टिक सर्जरी

प्लास्टिक सर्जरी को अक्सर सुंदरता बढ़ाने और चेहरा बदलने का जरिया माना जाता है, जबकि हकीकत में यह किसी दुर्घटना या बीमारी के कारण चेहरा बिगड़ने से अपना आत्मविश्वास गंवा चुके लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। आम लोगों की बात करें तो उनके लिए प्लास्टिक सर्जरी का ज्ञान फिल्मों और टेलीविजन धारावाहिकों में कहानी को नया मोड़ देने के लिए मुख्य किरदार का चेहरा बदलने या फिर किसी बड़े स्टार का अपनी सुंदरता बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल करने तक ही सीमित है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि कई मामलों में यह जीवनदान का काम करती है।

सिर्फ खूबसूरती ही नहीं, खोया आत्मविश्वास भी लौटता है

आज समय के साथ प्लास्टिक सर्जरी और कास्मेटिक सर्जरी का चलन बढ़ा है। इंफेक्शन, कैंसर, एक्सीडेंट, जलने या अन्य किसी कारण से शरीर के अंगों को हुए नुकसान पर प्लास्टिक सर्जरी की जाती है। वहीं कास्मेटिक सर्जरी का उद्देश्य अंगों की सुंदरता को निखारना होता है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि प्लास्टिक सर्जरी को सिर्फ सुन्दरता से जोड़ना ठीक नहीं है। यह शरीर के किसी अंग को सुधारने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि दुर्घटनाओं या गंभीर बीमारियों के शिकार लोगों को इसके जरिए उनका खोया चेहरा मोहरा ही नहीं बल्कि खोया आत्मविश्वास भी वापस लौटाया जा सकता है। ऐसे में यह जरूरी है कि चिकित्सा विज्ञान की इस महत्वपूर्ण विधा के बारे में लोगों को सही जानकारी मिले। लोगों में प्लास्टिक सर्जरी और इसकी उपयोगिता के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए हर साल 15 जुलाई को प्लास्टिक सर्जरी डे मनाया जाता है।

कॉस्मेटिक सर्जरी और प्लास्टिक सर्जरी में अंतर

 कॉस्मेटिक सर्जरी प्लास्टिक सर्जरी का ही एक हिस्सा है, लेकिन इन दोनों में फर्क की बात करें तो कॉस्मेटिक सर्जरी पूरी तरह शरीर के किसी अंग के सौंदर्य पर केन्द्रित होती है। इसमें इन अंगों को मनचाहा आकार देना शामिल है। वहीं प्लास्टिक सर्जरी एक लंबी और दुरूह प्रक्रिया होती है। जिसमें सही परिणामों के लिए सर्जन का सिद्धहस्त होना जरूरी होता है। इसके साथ ही वह इस प्रक्रिया के दौरान सर्जन और मरीज को तमाम जरूरी सावधानियां बरतने की ताकीद करते हैं। वहीं दुनियाभर में ऐसे लोगों की संख्या बढ़ रही है जो शरीर को सुंदर और सही आकार देने के लिए प्लास्टिक सर्जरी करा रहे हैं। प्लास्टिक सर्जरी कराने में महिलाओं की ही नहीं बल्कि पुरुषों की संख्या भी बढ़ रही है।

भारत से शुरु हुई थी प्लास्टिक सर्जरी 

प्लास्टिक सर्जरी की शुरुआत भारत से ही हुई थी। हमारे प्राचीन ग्रंथों में भगवान शिव द्वारा गणेश जी को हाथी का सिर लगाने का वर्णन मिलता है। भारत के सुश्रुत को ही विश्व का पहला प्लास्टिक सर्जन माना जाता है। इनकी तकनीक आज भी बिना किसी खास परिवर्तन के इस्तेमाल की जाती है। प्लास्टिक सर्जन कठिन से कठिन परिस्थितियों में अलग-अलग स्ट्रीम के सर्जन की मदद करते हैं।

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