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चंडीगढ़. उत्तरी पर्वतीय इलाकों से लगातार एक के बाद एक सक्रिय मौसम प्रणाली वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) का प्रभाव जारी है. जिसकी वजह से पंजाब और राजस्थान व उत्तर पश्चिमी हरियाणा पर चक्रवातीय सर्कुलेशन बन गया है और हवाओं की दिशा में बदलाव हो गया है. दक्षिणी पूर्वी नमी वाली पवनों और पछुआ पवनों (वेस्टर्न डिस्टरबेंस) के मिलन से मैदानी राज्यों में 26 से 29 दिसंबर तक विशेषकर हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, पंजाब में हल्की से सामान्य बारिश, ओलावृष्टि (बारिश और ओलावृष्टि) होने की संभावना बन रही है.
दिसंबर और जनवरी में हल्की बारिश फसलों के लिए वरदान साबित होती है. 30 दिसंबर से आसमान साफ होगा. हल्की बारिश से फसलों को फायदा पहुंचेगा. ओलावृष्टि से नुकसान की संभावना बन जाती है, लेकिन दिसंबर व जनवरी के दौरान हलकी बारिश सरसों, जौ व गेहूं की फसल के लिए फायदेमंद होती है.
वहीं मौसम के बदले मिजाज के चलते रविवार सुबह से ही बादल छाये रहने के बाद प्रदेश में दोपहर को हुई बूंदाबांदी से ठंड में इजाफा हो गया. बूंदाबांदी होने से किसानों के चेहरे खिले नजर आए. किसानों के अनुसार यह बारिश रबी की फसलों के लिए सोने पर सुहागा होगी. वहीं मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को भी आसमान में बादल छाये रहेंगे तथा बारिश व कोहरा छाने की संभावना है.
मौसम विभाग ने रविवार से मौसम परिवर्तन होने की संभावना जताते हुए बारिश की आशंका जताई थी. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार रविवार सुबह से ही आसमान में बादल छाये रहने से सूर्य के दर्शन नहीं होने से लोग दिनभर ठिठुरते रहे. प्रदेश में कई जिलों में दोपहर तो कई जगह शाम करीब को बूंदाबांदी होने से ठंड बढ़ गई.
बता दें कि दिसंबर माह के दूसरे सप्ताह बाद ठंड में कहर बरसाना शुरू कर दिया था. पाला गिरने से प्रदेश में न्यूनतम तापमान भी माइनस में भी पहुंच गया था, लेकिन एक सप्ताह से न्यूनतम तापमान में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होने से लोगों ने ठंड से थोड़ी राहत मिली.
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