Haryana: जैसे ही पंजाब और हरियाणा में धान की फसल का मौसम शुरू होता है, पराली जलाने के मामले बढ़ रहे हैं। इससे दिल्ली और उत्तर भारतीय कई शहरों में वायु प्रदूषण बढ़ जाता है, हरियाणा के कृषि विभाग ने गुरुवार को यमुनानगर जिले में पराली जलाने के आरोप में 16 किसानों के चालान जारी किए।
खेतों में पराली जलाने वाले किसानों पर प्रति एकड़ 2500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है, किसानों ने कार्रवाई पर ऐतराज जताया और कहा कि पराली नहीं जलाने के लिए सरकार उन्हें सही तरीके से बढ़ावा नहीं दे रही है। हरियाणा का लक्ष्य 2023 में लगभग 37 लाख टन धान के भूसे का असरदार तरीके से प्रबंधन करना है। पराली का करीब एक-तिहाई हिस्सा उद्योगों में इस्तेमाल किया जाता है।
राज्य सरकार धान की फसल के अवशेषों के इन-सीटू और एक्स-सीटू मैनेजमेंट के लिए एक हजार रुपये प्रति एकड़ आर्थिक मदद दे रही है, कहीं पराली तो नहीं जल रही, इसकी निगरानी के लिए प्रशासन ने समितियां बनाई हैं। साथ ही किसानों के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने के लिए कैंप भी लगाए हैं।
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इस पर कृषि उप-निदेशक आत्माराम गोदारा ने बताया कि “16 किसानों ने अलग-अलग गावों में पराली में जो आग लगाई है, उन पर हमने चालाए किए हैं, उनसे जुर्माना भी लिया है सरकार ने और आगे अगर किसान आग लगाएंगे तो उन पर जुर्माना लगाएंगे और उन पर एफआईआर दर्ज की जाएगी।”
इसके साथ ही किसान नेताओं ने कहा कि “हम भी नहीं चाहते की हम पराली जलाएं क्योंकि उससे नुकसान पर्यावरण का है, हमारा है, हमारे बच्चों का भविष्य खराब होगा, हमारे खेत में जो कीड़े मकोड़े हैं वो मरते हैं। हम भी नहीं चाहते पराली जलाना। लेकिन हम इसका करें तो क्या करें। अभी सरकार ने कहा कि हमने गठड़ बनाने की मशीनें दे दी हैं , बिल्लर दे दिए हैं लेकिन वो जिन्होंने गठड़ बनाए थे वो गठड़ भी 15 दिन से हमारे खेत में पड़े हैं, उनको उठाने वाला कोई नहीं है।”