Farmer Protest: शंभू बॉर्डर पर डटे किसान, आंसू गैस के गोलो से बचने के लिए पहन रहे चश्मा

Farmer Protest:  किसान आंदोलन 2.0 जारी है, किसानों ने 13 फरवरी को ‘दिल्ली चलो’ मार्च का ऐलान किया था, लेकिन प्रशासन ने उन्हें पंजाब-हरियाणा की सीमा पर ही रोक दिया था। फिलहाल पिछले दो दिनों से किसान पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं।

किसान हर कीमत पर आगे बढ़ने को तैयार हैं, तो वहीं प्रशासन भी उन्हें रोकने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद है। सुरक्षा कर्मियों ने किसानों को बॉर्डर पार करने से रोकने के लिए कई लेयर्स की बैरीकेडिंग की है। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोलो का इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन अब आंसू गैस के गोलो के धुएं से बेचने के लिए किसान चश्मों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

किसान यूनियन के सदस्य सिद्धू ने कहा कि “उन्होंने हम पर आंसू गैस से हमला किया। उन्होंने ये भी नहीं सोचा कि हम पंजाबी हैं, उनके भाई हैं, वे पाकिस्तानियों की तरह हम पर हमला कर रहे हैं। हम अपनी सुरक्षा के लिए ये चश्मा पहनते हैं क्योंकि आंसू गैस का केमिकल बहुत खतरनाक होता है। हमारे पास चश्मा, मास्क, दस्ताने हैं। हम इसे प्रदर्शनकारियों को देने जा रहे हैं।”

किसान यूनियन का कहना है कि “कल हमने देखा जब हम जा रहे थे तो उन्होंने हम पर आंसू गैस से हमला किया। उन्होंने ये भी नहीं सोचा कि हम पंजाबी हैं, उनके भाई हैं, वे पाकिस्तानियों की तरह हम पर हमला कर रहे हैं। हम अपनी सुरक्षा के लिए ये चश्मा पहनते हैं क्योंकि आंसू गैस का केमिकल बहुत खतरनाक होता है। हमारे पास चश्मा, मास्क, दस्ताने हैं। हम इसे प्रदर्शनकारियों को देने जा रहे हैं।”

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