New Delhi: दिल्ली में बीसवां इशारा इंटरनेशनल पपेट थियेटर फेस्टिवल शुरू हुआ। फेस्टिवल का पहला नाटक था, ऑस्ट्रियाई लेखक स्टीफन ज्विग का ‘द लीजेंड ऑफ द थर्ड डव’। इसके बाद निर्देशक सिल्वी उस्मान की फ्रेंच प्रोडक्शन ने तीन कबूतरों की मशहूर कहानी का नाटक हुआ, कहानी में उन्हें नूह ने भयंकर बाढ़ के दौरान अपने जहाज़ से भेजा था।
दो कबूतर तो लौट आए, लेकिन इंसानों का प्रतीक तीसरा कबूतर शांति और सद्भाव की तलाश में भटकता रहता है, इस साल इंडिया हैबिटेट सेंटर में चल रहे पपेट थियेटर फेस्टिवल में ब्राजील, स्पेन, अमेरिका, रूस, कोरिया, श्रीलंका और भारत सहित नौ देशों के कलाकारों की कृतियां शामिल हैं।
हंस क्रिश्चियन एंडरसन की ‘द अग्ली डकलिंग’ में तरह-तरह के भारतीय बुनकरों का काम कठपुतलियों के कपड़ों में दिखलाया गया है। पपेट थियेटर फेस्टिवल चंडीगढ़ के टैगोर थियेटर में भी चल रहा है। 25 फरवरी तक चलने वाले फेस्टिवल में नौ नाटक दिखाए जाएंगे।