Ghazipur: दिल्ली में ग़ाज़ीपुर लैंडफिल साइट के आसपास रहने वाले लोग कूड़े के पहाड़ में आग लगने के बाद से आंखों में जलन की तकलीफ झेल रहे हैं, आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों का कहना है कि कूड़े के पहाड़ से निकलने वाली जहरीली गैसों के कारण उन्हें गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
जहरीली गैसें अक्सर हादसे का कारण बनती हैं। खासकर गर्मी मौसम में, जब तापमान बहुत बढ़ जाता है। आग लगने पर ये पूरा इलाका धुंए की चादर से ढक जाता है। परेशानी को और बढ़ाने वाली बात ये है कि लैंडफिल के पास ही एक नाली है जिसकी वजह से मच्छर भी पनपते रहते हैं।
गाजीपुर में रहने वाले लोगों के मुताबिक यहां के लोग सांस की बीमारियों के अलावा मलेरिया और डेंगू से बीमार होते रहते हैं। मेडिकल एक्सपर्ट और डॉक्टरों का कहना है कि लंबे समय तक लैंडफिल साइट के आस-पास रहने से लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है।
लैंडफिल के आस पास के इलाकों में रहने को मजबूर लोगों को शिकायत है कि सरकारों ने वादे तो बहुत किए लेकिन किया कुछ नहीं। पर्यावरणविदों का कहना है कि अब समय आ गया है कि सियासी दल स्वच्छ हवा को अपने एजेंडे का हिस्सा बनाएं। गाजीपुर लैंडफिल साइट के एक हिस्से में 21 अप्रैल को आग लग गई थी, जिसके बाद आस-पास का इलाका और प्रदूषित हो गया है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि “यहां पर बहुत पॉल्युशन हो रहा है कचरे की वजह से, यहां हम स्कुल आते हैं हमें भी बहुत दिक्कत होती है लेकिन स्कुल में बहुत सख्ताई है। उन्होंने छुट्टी लेने से मना किया है लेकिन फिर भी हम जाते हैं क्योंकि वो बोलते है अगर छुट्टी लोगे तो तुम्हारा नाम काट दिया जाएगा।”
उन्होंने कहा कि “यह जो नाला है ना ऐसे ही रुका हुआ है, इसमें मच्छर रुक जाते हैं और यह सीधे हमारे घरों की तरफ अटैक करते हैं और हमको डेंगू, मलेरिया कर देते हैं। अभी मेरे को एक सप्ताह पहले डेंगू हो गया था और मैं स्कुल भी नहीं जा पाया था और मेरी हालत बहुत खराब हो गई थी। मैम जो यह नाला है ना इसकी वजह से बहुत मच्छर भी हो जाते हैं और ये ऐसे बहुत सारे मच्छर बनते रहेंगे ये नाला बंद रहेगा तो, मैं चाहता हूं कि इसको चलाया जाए और हमको स्कुल भी भेजा जाए, जिससे हम स्कुल भी जाएंगे, हमारी पढाई भी नहीं रुकेगी और हमारी तबियत भी ठिक रहेगी।”