Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पंजाब और हरियाणा सरकारें पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई करने में काफी धीमी हैं और समस्या के लंबे समाधान के लिए मजबूत तंत्र बनाने की जरूरत है।
जस्टिस अभय एस ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा कि 24/7 डेटा उपलब्ध कराने के लिए बेहतर मशीनरी स्थापित करनी होगी।
शीर्ष अदालत ने कहा कि हर कोई ये समझने के लिए ”काफ़ी समझदार” है कि तय समय के दौरान डेटा एकत्र किया गया था और उन्होंने उस समय पराली नहीं जलाई थी।
मामले में केंद्र की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि इसरो प्रोटोकॉल पर काम कर रहा है।
अदालत ने पंजाब राज्य के अधिकारियों को आदेश दिया कि वे किसानों को इस तथ्य का लाभ न उठाने दें कि दिन के विशेष कुछ घंटों के दौरान गतिविधियों का पता लगाया जा रहा है।