Delhi: दिवाली मनाने के लिए अपने मूल निवास या किसी टूरिस्ट प्लेस पर घूमने जाना आपकी जेब पर भारी पड़ सकता है, क्योंकि त्योहारी सीजन में हवाई किराया आसमान छू रहा है। बेंगलुरु से दिल्ली तक हवाई यात्रा का टिकट 13 से 16 हजार रुपये के बीच बिक रहा है, वहीं मुंबई से कोलकाता की हवाई यात्रा के लिए आपको 14 से 18 हजार रुपये खर्च करने पड़ेंगे।
डिमांड और सप्लाई के आधार पर कंट्रोल होने वाले डायनमिक एयर फेयर में दिवाली से पहले 282 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है, सबसे सस्ती दिल्ली-पटना उड़ान 14,000 रुपये में उपलब्ध है। दिवाली से एक दिन पहले दोनों शहरों के बीच सबसे महंगी एयर टिकट 17,600 रुपये में है।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति भी हवाई किराये में बढ़ोतरी की प्रमुख वजहों में से एक है। राजधानी के लोग इस दम घोंटू वातावरण से निकलकर साफ हवा का आनंद लेने के लिए हिल स्टेशनों और तटीय राज्यों की ओर जाना चाहते हैं। त्योहारी सीजन में हवाई किराया आमतौर पर मंहगा होता है, लेकिन इस साल गोएयर के बंद होने के बाद हवाई यात्रा की क्षमता में कमी को भी उछाल के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
कुछ एयरलाइन कंपनियों ने घरेलू हवाई टिकटों पर सेल्स शुरू कर दी है, लेकिन विशेषज्ञ इसे नौटंकी बता रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसी सेल्स में अक्सर जो फायदे देने के वादे किए जाते हैं, वो ग्राहकों को नहीं मिल पाते हैं।
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पर्यटन समिति के चेयरमैन सुभाष गोयल ने बताया कि “न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में सभी हवाई किराए डिमांड और सप्लाई पर निर्भर हैं। अब देश में विमानों की कमी है और त्योहारी सीजन के दौरान मांग बढ़ जाती है। इसलिए चूंकि फ्लेक्स प्राइसिंग है, इसलिए एयरलाइंस को कोई भी किराया वसूलने की अनुमति है। वो जब चाहते हैं, अचानक किराया बढ़ जाता है। विशेष रूप से सीनियर सिटीजन और बच्चों को खतरनाक प्रदूषण के कारण बाहर जाने के लिए कहा जा रहा है, क्योंकि एक्यूआई 500 तक पहुंच गया है। लोग उन जगहों की यात्रा कर रहे हैं, जहां वायु प्रदूषण नहीं है जैसे कि गोवा, केरल और हिल स्टेशन जैसे कसौली, शिमला, नैनीताल वगैरह।”