NIA Raid: राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने बुधवार सुबह गोपनीय सूत्रों के आधार पर बिहार के कटिहार में हसनगंज थाना क्षेत्र के युसूफ टोला में पीएफआई नेता मोहम्मद नदवी के रिश्तेदार के यहां दबिश डाली. प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन पीएफआई के एक संदिग्ध मॉड्यूल के खिलाफ छापेमारी की. फुलवारीशरीफ मॉड्यूल मामले में बिहार के अलावा कर्नाटक, केरल समेत 25 जगहों पर छापेमारी की जा रही है.
इससे पहले हाल ही में इस केस को लेकर छह लोगों की गिरफ्तारी की गई थी. तलाशी के दौरान उनके पास से पीएफआई से संबंधित कई आपत्तिजनक लेख और दस्तावेज जब्त किए गए थे. 12 जुलाई 2022 को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. 22 जुलाई को इस केस की कमान एनआईए ने संभाल ली थी और उसके बाद से दर्जन भर से अधिक लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है.
NIA Raid:
इस साल 4-5 फरवरी को, एनआईए ने बिहार के मोतिहारी में आठ स्थानों पर भी तलाशी ली थी और दो लोगों को गिरफ्तार किया था, जिन्होंने हत्या को अंजाम देने के लिए हथियार और गोला-बारूद की व्यवस्था की थी. गिरफ्तारियों के साथ ही एनआईए ने कहा था कि एक पीएफआई मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया है, जो सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित करने के लिए साजिश रच रहा था.
गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सितंबर 2022 में एक अधिसूचना के माध्यम से आतंकवादी समूहों और विध्वंसक गतिविधियों से जुड़े होने के कारण पीएफआई और उसके सहयोगियों पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था. केंद्र ने अधिसूचना में कहा था कि प्रतिबंध की सिफारिश उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और गुजरात की राज्य सरकारों ने की थी.
NIA Raid: प्रतिबंध के कारणों की व्याख्या करते हुए, गृह मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया था कि पीएफआई और उसके सहयोगी देश की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा के लिए हानिकारक गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल रहे हैं. एनआईए ने पिछले साल देश के विभिन्न हिस्सों से पीएफआई से जुड़े करीब 350 लोगों को गिरफ्तार किया था. केंद्रीय जांच एजेंसियों को संगठन के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले, जिसके आधार पर संगठन पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया.