Chhattisgarh: दशहरा करीब आने के साथ ही रायपुर की सड़कों पर मौजूद दुकानों पर बड़े और शक्तिशाली अंदाज से लेकर छोटे साइज के रावण के पुतले बिक्री के लिए सजे हैं, पिछले कुछ सालों में कारोबार में मंदी के बाद कारीगरों को अच्छी बिक्री की उम्मीद है।
दुकानदारों के मुताबिक राज्य में रावण के पुतलों के लिए रायपुर बाकी जगहों के मुकाबले नया बाजार है, हालांकि उन्हें उम्मीद है कि लोग बड़ी तादाद में उनके बनाए पुतले खरीदेंगे। हालांकि रावण के पुतले बना रहे कारीगरों की मुश्किलें कम नहीं हैं। बार-बार हो रही बारिश ने उनके काम में रुकावट डाली है, उनके सामने पुतलों को सुखाने और उन्हें बारिश से बचाने की बड़ी चुनौती है।
विजयादशमी 12 अक्टूबर को मनाई जाएगी, कारीगरों का कहना है कि पुतलों की बिक्री से होने वाली अच्छी कमाई ही उनके लिए मेहनत का इनाम होगा। पुतला बनाने वाला शिव सोनकर “हम लोग यहां 10 साल से बना रहे हैं। हमारे पास यहां रेडी में हैं तीन फीट से लेकर 11 फीट तक के हैं और ऑर्डर आते हैं ना तो उसके हिसाब से ही देखते हैं साइज के हिसाब से बना देते हैं। पिछली बार तो लॉकडाउन के हिसाब से दो साल गैप हो गया था, तो उतना नहीं था। अब इस साल देखते हैं कस्टमरों का क्या है।”
“आठ-10 साल से ज्यादा हो गया है यहां रायपुर में चालू हुआ है और बिलासपुर में बहुत पहले से हुआ था और अभी तक वहां चल रहा है, वहीं से हम लोग दो-चार लड़कियां यहां आए है। हम लोग यहां चालू किए हैं, तो यहां रायपुर में मार्केट बनी है रावण बेचने की। डेढ़-दो फीट से लेकर 25-30-35 फीट तक बनता है।