Share Market: पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने से सेंसेक्स 845 अंक लुढ़का, निफ्टी 247 अंक टूटा

Share Market:  शेयर बाजारों में आज लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में गिरावट जारी रही और बीएसई सेंसेक्स 845 अंक लुढ़क गया। पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने और ग्लोबल बाजारों के कमजोर रुख से निवेशकों की धारणा पर असर पडा। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 845.12 अंक यानी 1.14 फीसदी की गिरावट के साथ दो सप्ताह के निचले स्तर 73,399.78 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय ये 929.74 अंक तक लुढ़क गया था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 246.90 अंक यानी 1.10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 22,272.50 अंक पर बंद हुआ। इससे पहले, शुक्रवार को सेंसेक्स 793.25 अंक और निफ्टी 234.40 अंक के नुकसान में रहा था। कुल मिलाकर दो कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स 1,638 अंक यानी 2.19 प्रतिशत और निफ्टी 481 अंक यानी 2.13 प्रतिशत टूटा है।

विश्लेषकों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की पूंजी निकासी और अमेरिका में महंगाई अनुमान से ज्यादा बढ़ने से बाजार नुकसान में रहा। इसके अलावा, पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने और भारत-मॉरीशस कर संधि में प्रस्तावित बदलाव से भी बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। सेंसेक्स के शेयरों में विप्रो, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, टाटा मोटर्स, लार्सन एंड टुब्रो, टेक महिंद्रा और एचडीएफसी बैंक प्रमुख रूप से नुकसान में रहे।

दूसरी तरफ नेस्ले, मारुति और भारती एयरटेल के शेयर लाभ में रहे। एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग नुकसान में जबकि चीन का शंघाई कम्पोजिट इंडेक्स लाभ में रहा। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में मिला-जुला रुख रहा। अमेरिकी बाजार वॉल स्ट्रीट शुक्रवार को नुकसान में रहा था, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.04 प्रतिशत फिसलकर 89.51 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।

विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को 8,027 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, देश में सब्जियों, आलू, प्याज और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण थोक महंगाई मार्च में मामूली रूप से बढ़कर 0.53 प्रतिशत हो गई, जो फरवरी में 0.20 फीसदी थी। खुदरा महंगाई मार्च महीने में घटकर 4.85 प्रतिशत रही जो पांच महीने का निचला स्तर है।

वहीं खनन क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से औद्योगिक उत्पादन में फरवरी 2024 में वृद्धि 5.7 प्रतिशत रही जो चार महीने का उच्च स्तर है। आयकर विभाग ने शुक्रवार को कहा कि भारत और मॉरीशस के बीच संशोधित दोहरा कराधान बचाव संधि में नियमों और दिशानिर्देशों को मंजूरी देना और अधिसूचित किया जाना बाकी है। दोनों देशों ने सात मार्च को दोहरा कराधान बचाव संधि (डीटीएए) में संशोधन के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें यह तय करने के लिए ‘प्रिंसिपल पर्पज टेस्ट’… (पीपीटी) की व्यवस्था की गई है। इससे ये सुनिश्चित किया जा सकेगा कि कोई विदेशी निवेशक संधि लाभों का दावा करने के लिए पात्र है या नहीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *