Baramulla: उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के जेहनपोरा में एक बड़ी पुरातात्विक खुदाई चल रही है। इसकी अगुवाई अभिलेखागार, पुरातत्व और संग्रहालय विभाग और कश्मीर विश्वविद्यालय के मध्य एशियाई अध्ययन विभाग संयुक्त रूप से कर रहे हैं।
माना जाता है कि इस जगह पर कुषाण काल के बौद्ध अवशेष हैं। यहां की गई खुदाई में लगभग 2,000 साल पुरानी कलाकृतियां मिली हैं, जो कश्मीर के बौद्ध धर्म से जुड़ाव के बारे में नई जानकारी देती हैं।
पुरातत्व और संग्रहालय विभाग के सर्वेक्षक डॉ. जावेद ने कहा कि “हमें पोट्री, कॉपर नीडल्स, कॉपर ईयररिंग्स मिले हैं यहां पे और जो पोट्री हमें बता रही है हमें पेबल्स वॉल्स, जिसकी वजह से हमें पता चल रहा है कि ये कुषाण युग की हैं। हमें अपना मान के, अपना धरोहर मान के इसकी प्रोटेक्शन करनी है और आने वाले समय में ये डेवलप ऐज ए कल्चरल हेरिटेज हो जाएगा। तो इसमें जो नियरबाई रेजिडेंसेस हैं, उनको ही फायदा मिल सकता है क्योंकि कल्चरल हिसाब से हम देखेंगे डेवलप्ड नेशंस को हम कितना फरोग दे रहे हैं, बढ़ाते हैं वो। तो हम भी चाहते हैं कि यहां पर भी लोग इसको अपना हेरिटेज समझ के तहफुज दें।”
जिला प्रशासन का कहना है कि अगले दो से तीन साल तक चलने वाली खुदाई से घाटी की समृद्ध विरासत के बारे में महत्वपूर्ण खुलासे होने की उम्मीद है।
डीसी मिंगा शेरपा ने बताया कि “जैसे कि आप देख सकते हैं कि यहां पर हर दिन वैज्ञानिक तरीके से खुदाई कर रहे हैं। ये पता लगाने के लिए कि यहां पर कैसी बस्तियां थीं, वे कौन से अलग-अलग पहलू हैं जो असल में हमें इतिहास को समझने में मदद करते हैं। जैसे कि आपने यहां देखा कि काफी सारी डिस्कवरीज हो रखी हैं, कैसा कंस्ट्रक्शन मेटिरियल यूज हुआ था। हमारी खुदाई जो चल रही है, वह कुषाण काल की है। तो मुझे यकीन है कि जब हम दो-तीन साल और खुदाई करेंगे तो सिर्फ बारामूला के बारे में ही नहीं पूरे कश्मीर के बारे में रहेगा कि आपने देखा होगा कि पिछले 20-30 साल में ये पहली खुदाई होगी जो इतने बड़े पैमाने पर घाटी में हो रही है।”
प्रोजेक्ट से जुड़े लोगों को उम्मीद है कि इस साइट से घाटी के अतीत से जुड़ी और भी कलाकृतियां मिलेंगी, जिससे कश्मीर के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों को नया नजरिया मिलेगा।