New Delhi: संसद के दोनों सदनों में उठा SIR का मुद्दा, सरकार ने कहा- हम चर्चा के खिलाफ नहीं

New Delhi: संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही बाधित रही। वहीं राज्यसभा में विपक्ष ने इस मुद्दे पर सदन से बहिर्गमन किया। सरकार ने कहा कि वह चर्चा के खिलाफ नहीं है, लेकिन इसके लिए कोई निश्चित समययीमा तय नहीं की जा सकती।

हंगामे के बीच ही लोकसभा ने ‘मणिपुर माल और सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2025’ पारित किया। विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025’ और ‘स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025’ पेश किया। विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही बाधित रही और सदन की बैठक दो बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।

उधर राज्यसभा में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और चुनाव सुधारों पर चर्चा के खिलाफ नहीं है; लेकिन उसे जवाब देने के लिए कुछ समय दिया जाए। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया। रिजिजू ने उच्च सदन में यह टिप्पणी उस समय की जब कांग्रेस-नीत विपक्ष एसआईआर पर तत्काल चर्चा की मांग कर रहा था।

उन्होंने कहा कि सरकार एसआईआर पर चर्चा की विपक्ष की मांग पर विचार कर रही है और इस मांग को खारिज नहीं किया गया है। इस बीच, कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी अपनी कार में एक आवारा कुत्ते को लेकर संसद पहुंच गईं, जिससे विवाद खड़ा हो गया और सत्तापक्ष के सांसदों ने उन पर नाटक करने का आरोप लगाया।

विवाद के बीच रेणुका ने कहा कि ‘‘जो लोग अंदर बैठे हैं वे काटते हैं, कुत्ते नहीं काटते।’’ लोकसभा में प्रश्नकाल शुरू होते ही कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों के सदस्य एसआईआर समेत कुछ मुद्दों पर चर्चा की मांग करते हुए अपने स्थानों पर खड़े हो गए। बाद में कुछ सदस्य आसन के समीप आ गए।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों से रचनात्मक भागीदारी निभाते हुए सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील की। हालांकि, शोर-शराबा नहीं थमने पर लोकसभा अध्यक्ष ने बैठक 12 बजे तक स्थगित कर दी। सदन की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे आरंभ हुई तो विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा।

हंगामे के बीच ही पीठासीन सभापति संध्या राय ने आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखवाए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच ही ‘केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025’ और ‘स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025’ पेश किया।

संसद के शीतकालीन सत्र का आज पहला दिन था और हंगामे की वजह से सदन में प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं चल सका। उधर राज्यसभा में सभापति के तौर पर पहली बार सदन की कार्यवाही की अध्यक्षता कर रहे सी पी राधाकृष्णन ने अपने पहले भाषण में सदस्यों से संस्थानों का सम्मान करने और राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझने का भी आह्वान किया।

राधाकृष्णन ने कहा, “हर कोई- चाहे सभापति हों या सदस्य- हम सभी को राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझना चाहिए। भारत का संविधान और राज्यसभा के नियम हमारे संसदीय आचरण की लक्ष्मण रेखा तय करते हैं। हर सदस्य के अधिकारों की रक्षा की जाएगी, लेकिन उस लक्ष्मण रेखा के भीतर ही।”

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्यसभा के सभापति राधाकृष्णन का स्वागत करते हुए कहा कि उनका एक सामान्य किसान परिवार से उठकर महत्वपूर्ण संवैधानिक पद तक पहुंचना भारतीय लोकतंत्र की शक्ति का प्रतीक है। राज्यसभा में उनके अभिनंदन के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि राधाकृष्णन का जीवन सामाजिक सेवा के प्रति अटूट समर्पण का उदाहरण है और राजनीति उनके सार्वजनिक योगदान का सिर्फ एक हिस्सा रहा है।

विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने सभापति राधाकृष्णन का स्वागत करते हुए पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के “अप्रत्याशित और अचानक” इस्तीफे का जिक्र किया। इस पर सत्तापक्ष के सदस्यों ने विरोध जताते हुए कहा कि यह अवसर ऐसा विषय उठाने के लिए उचित नहीं है। खरगे ने सभापति का स्वागत करते हुए उनसे दोनों पक्षों के बीच संतुलन बनाए रखने और विपक्ष के सदस्यों को भी अपने मुद्दे उठाने देने की अपील की।

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