Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के खैरागढ़-छुईखदान-गंडई (केसीजी) जिले में कुल 20 लाख रुपये के इनामी नक्सली दंपति ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। नक्सलियों की पहचान धनुष उर्फ मुन्ना (25) और उसकी पत्नी रोनी उर्फ तुले (25) के रूप में हुई है। मुन्ना पर 14 लाख रुपये और तुले छह लाख रुपये का इनाम घोषित था। प्रतिबंधित संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के माड़ डिविजन, बस्तर, और एमएमसी (मध्यप्रदेश–महाराष्ट्र–छत्तीसगढ़) जोन से जुड़े ये नक्सली टांडा मलाजखंड क्षेत्र में सक्रिय थे और कई नक्सली वारदातों में लिप्त रहे।
केसीजी जिले में लगातार नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही नक्सल प्रभावित गांवों में सामुदायिक पुलिसिंग कार्यक्रमों के माध्यम से सरकार की नई आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत मिलने वाली सुविधाओं और लाभों की जानकारी लोगों को दी जा रही है। उसी के परिणामस्वरूप नक्सली दंपति ने हथियार छोड़ने का निर्णय लिया। धनुष को हिंदी और अंग्रेजी टाइपिंग तथा कंप्यूटर का ज्ञान है, जिसकी वजह से वह संगठन में तकनीकी कामों को संभालता था। दोनों छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र (गोंदिया) और मध्यप्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय रहे। नक्सली दंपति का आत्मसमर्पण क्षेत्र में शांति स्थापना और नक्सल उन्मूलन अभियान के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।