Bihar Election: बिहार में 6 और 11 नवंबर को होंगे विधानसभा चुनाव, 14 नवंबर को परिणाम

Bihar Election: बिहार का विधानसभा चुनाव दो चरणों में कराया जाएगा, पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर को और दूसरे चरण की वोटिंग 11 नवंबर को होगी, इसके साथ ही 14 नवंबर बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आएंगे।

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि बिहार की पावन भूमि पर पांच वर्षों के बाद अब विधानसभा चुनाव का आगमन हो रहा है। जैसा कि आप सबको पता है चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और यह अपनी जिम्मेदारी दो चरणों में निभाती है।

पहला चरण- मतदाता सूची बनाना और दूसरा चरण- चुनाव कराना। जून 2025 से शुरू हुए एसआईआर से मतदाता सूची का शुद्धिकरण हुआ। एक अगस्त को ड्राफ्ट सूची प्रकाशित हुई और सभी राजनीतिक दलों को दी गई। एक सितंबर तक दावों और आपत्ति का समय रहा। इसमें राजनीतिक दल, बूथ एजेंट्स और नागरिकों को भरपूर समय दिया गया। उसके बाद पात्रता का परीक्षण हुआ और 30 सितंबर को फाइनल मतदाता सूची प्रकाशित हुई। अभी भी उसमें कोई अधिकारियों से गलती रह गई हो तो जिलाधिकारी के पास अपील डाली जा सकती है। किसी का नाम छूट गया हो तो नामांकन के 10 दिन पहले तक नाम जुड़वा सकता है।

कितनी बदली मतदाता सूची

आगमी विधानसभा चुनाव को देखते हुए बिहार में चुनाव आयोग के द्वारा विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर करवाया गया। इसमें नए सिरे से बिहार में मतदाताओं की गणना की गई। यह प्रक्रिया जून से शुरू हुई थी जिसकी अंतिम सूची 30 सितंबर को आयोग की वेबसाइट पर जारी कर दी गई। 30 सितंबर 2025 को आई इस सूची के अनुसार बिहार में कुल  7,41,92,357 मतदाता पंजीकृत है। 2020 में यह आकड़ा 7,36,47,660 था। यानी, 2020 के मुकाबले इस बार चुनाव में 5,44,697 मतदाताओं का इजाफा हुआ है। हालांकि, एसआईआर के बाद राज्य में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या में 47,77,487 कमी आई है

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि लगभग 22 वर्षों के बाद बिहार में मतदाता सूची के शुद्धिकरण का काम पूरा हुआ। सभी राजनीतिक दलों ने यह मांग की थी कि मतदाता सूची में काफी गड़बड़ियां हैं। सोशल मीडिया में इसके बारे में काफी बढ़-चढ़कर कहा गया। लेकिन सच्चाई यह है कि 243 विधानसभाओं में 1.6 लाख बूथ लेवल एजेंट्स के साथ मिलकर । एसआईआर में जमीनी स्तर के अधिकारियों को जबरदस्त मेहनत करनी पड़ी है। एक नई व्यवस्था बनाई गई है। किसी भी पोलिंग स्टेशन के ठीक बाहर कोई भी मतदाता अपना मोबाइल फोन जमा करा सकता है। इसके बाद वोट करने के बाद इसे लेकर वापस जा सकता है।

243 सीटों के लिए होना है मतदान

बिहार में मतदाताओं का गहन पुनरीक्षण पूरा कर मतदाता सूची जारी की जा चुकी है। बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव के लिए अमूमन सितंबर अंत तक अधिसूचना जारी होती रही है। 2010 में 27 सितंबर को पहले चरण की अधिसूचना जारी हुई थी और अंतिम छठे चरण का मतदान 20 नवंबर को कराया गया था। 2015 में तो 16 सितंबर को पहले चरण की अधिसूचना जारी कर पांचवें और अंतिम चरण का मतदान 5 नवंबर को हुआ था। 2020 में पहले चरण की अधिसूचना 1 अक्टूबर को जारी हुई थी और तीसरे-अंतिम चरण का मतदान 7 नवंबर को हुआ था

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियां

  • कुल पोलिंग स्टेशन की संख्या – 90, 712
  • एक पोलिंग स्टेशन पर वोटर्स का एवरेज – 818
  • शहरों में पोलिंग स्टेशन की संख्या – 13,911
  • गांवों में पोलिंग स्टेशन की संख्या – 76, 801
  • युवाओं द्वारा प्रबंधित पोलिंग स्टेशन की संख्या- 38
  • महिलाओं द्वारा प्रबंधित पोलिंग स्टेशन की संख्या – 1,044
  • मॉडल बूथों की संख्या- 1350

बिहार में विधानसभा का चुनावी आंकड़ा

  • राज्य में कुल 243 सीटें
  • सामान्य सीट -203
  • एसटी सीट –  02
  • एससी सीट – 38

बिहार में कुल मतदाता – 7.42 करोड़

  • बुजुर्ग मतदाताओं की संख्या – 4 लाख
  • 100 साल पूरे कर चुके मतदाता – 14 हजार
  • पहली बार वोट करने वाले मतदाता –  14 लाख
  • पुरुष मतदाताओं की संख्या – 3.92 करोड़
  • महिला मतदाताओं की संख्या – 3.50 करोड़
  • ट्रांसजेडर्स मतदाताओं की संख्या – 1725
  • दिव्यांग मतदाताओं की संख्या – 7.2 लाख
  • 85 साल उम्र के मतदाताओं की संख्या – 4.04 लाख
  • सेवारत मतदाओं की संख्या – 1.63 लाख
  • 20-29 साल उम्र के मतदाताओं की संख्या- 1.63 करोड़

 

 

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