Karwa Chauth: भारत में त्योहार केवल धार्मिक आयोजनों तक सीमित नहीं रहते, बल्कि वे समाज और भावनाओं को जोड़ने वाले विशेष अवसर भी होते हैं। करवा चौथ का व्रत भारत में सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास माना जाता है। यह व्रत पति की लंबी आयु और वैवाहिक सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है, साथ ही पति-पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास को और भी गहरा करता है। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रमा के दर्शन तक निर्जला उपवास करती हैं, यानी पूरे दिन बिना पानी और भोजन के उपवास रखती हैं।
करवा चौथ भी ऐसा ही एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना करते हुए मनाती हैं। इस दिन महिलाएं सुबह से कड़ा व्रत रखती हैं और शाम को चंद्रमा के उदय होते ही व्रत खोलती हैं। करवा चौथ का यह व्रत पति-पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास का प्रतीक माना जाता है, जो परिवार में सौहार्द और एकता को बढ़ाता है।
करवा चौथ के दिन करवा माता की विशेष पूजा की जाती है, धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को रखने से पति-पत्नी के रिश्तों में मिठास आती है और संबंध मजबूत होते हैं। इस साल करवा चौथ कब है, चंद्रमा निकलने का सही समय और पूजा विधि जानना हर महिला के लिए जरूरी है, ताकि यह दिन श्रद्धा और विधि के साथ मनाया जा सके।
साल 2025 में करवा चौथ का चंद्रमा उदय का समय और पूजा के शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व है, क्योंकि इसी समय व्रत खोलकर चंद्रदेव की पूजा की जाती है। सही समय पर पूजा करने से यह माना जाता है कि व्रत का फल अधिक शुभ और पूर्ण होता है। चंद्रमा की आराधना करते हुए महिलाएं पति की लंबी उम्र और परिवार की खुशहाली की कामना करती हैं। इस पर्व की परंपराओं और पूजा विधि को जानना हर सुहागिन महिला के लिए जरूरी है ताकि वे इस पावन त्योहार को पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ मना सकें।
शुभ मुहूर्त-
करवा चौथ का व्रत रखने वाली महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण समय चंद्रमा का उदय होता है। इस साल पंचांग के अनुसार, चंद्रमा 10 अक्तूबर की रात 8:47 बजे उदय होगा। यही समय व्रत खोलने और चांद की पूजा करने का शुभ अवसर माना जाता है।
करवा चौथ का व्रत मुख्य रूप से माता करवा और भगवान गणेश को समर्पित होता है। इसके अलावा इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती, कार्तिकेय देव और चंद्र देव की भी पूजा की जाती है। व्रत के अंत में चंद्रमा को जल अर्पित किया जाता है और पति के हाथ से पानी पीकर व्रत का पारण किया जाता है। मान्यता है कि चंद्र देव की पूजा करने से वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है और पति को लंबी आयु का आशीर्वाद मिलता है। कई जगहों पर इसे करक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।