Share Market: शेयर बाजार में बड़ी गिरावट, निफ्टी 160 और सेंसेक्स 545 अंक लुढ़का

Share Market: भारतीय शेयर बाजार आज लाल निशान में खुला. बाजार खुलते ही सेंसक्स-निफ्टी क्रैश हो गया. अमेरिका और भारत के बीच कई दौर की चर्चा के बावजूद, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 25% टैरिफ की घोषणा की. जिसका असर बाजार पर साफ नजर आ रहा है. डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर 25% टैरिफ लगाने के ऐलान से भारतीय शेयर बाजार में भूचाल आ गया है. सुबह बाजार खुलते ही सेंसेक्स करीब 800 अंक टूटा और निफ्टी भी 200 अंकों की गिरावट के साथ लाल निशान में पहुंच गया.

यह बाजार में गिरावट का 5वां दिन है. शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 786.36 अंक या 0.97% गिरावट के साथ  80,695.50  पर और निफ्टी 212.80 अंक या 0.86% गिरकर 24,642.25 पर पहुंच गया था.

हालांकि, इसके बाद बाजार में हल्की रिकवरी नजर आई. सुबह 10 बजे के करीब, सेंसेक्स 661.58 अंक या 0.81%  की गिरावट के साथ 80,820.28 पर और निफ्टी 199.55 अंक या 0.80% की गिरावट के साथ 24,655.50 पर था. शेयर बाजार में गिरावट का सबसे ज्यादा असर मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों पर देखने को मिला. बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में करीब 2% तक की गिरावट आई. सुबह लगभग सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में थे. ऑटो, एनर्जी, फार्मा, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज, मेटल, रियल्टी और पीएसई में सबसे अधिक गिरावट थी.

सेंसेक्स पर लिस्टेड शेयरों में एमएंडएम, भारती एयरटेल, रिलायंस, इंफोसिस, एचसीएल टेक, टाइटन, एसबीआई, टीसीएस, आईसीआईसीआई बैंक, ट्रेंट, एलएंडटी, एचडीएफसी बैंक और एनटीपीसी टॉप लूजर्स थे. इटरनल, पावर ग्रिड, टाटा स्टील, आईटीसी और एचयूएल टॉप गेनर्स थे. बाजार खुलते ही सिर्फ 10 मिनट में निवेशकों के करीब ₹3 लाख करोड़ डूब गए. बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप पिछले सेशन के ₹452 लाख करोड़ से गिरकर ₹449 लाख करोड़ पर आ गया.

दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया है कि वह 1 अगस्त से भारत पर 25% टैरिफ लगाएंगे. इसके अलावा उन्होंने भारत के रूस से एनर्जी खरीद पर भी अलग से पेनल्टी लगाने की चेतावनी दी है. इस घोषणा के बाद भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर अनिश्चितता और गहरा गई है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है. साथ ही, रूस से तेल खरीदने पर भारत को अतिरिक्त पेनल्टी भी झेलनी पड़ सकती है. एक्सपर्ट का मानना है कि अगर यह टैरिफ लंबे समय तक लागू रहा, तो इससे भारत की GDP ग्रोथ पर असर पड़ेगा, रुपया कमजोर होगा और विदेशी निवेश भी घट सकता है, जिससे बाजार में उतार-चढ़ाव बनी रहेगी.

बाजार को उम्मीद थी कि अमेरिकी सेंट्रल बैंक (US Fed) निकट भविष्य में ब्याज दरों में कटौती (US Fed rate cut)का संकेत देगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.फेड ने अपनी ब्याज दरें 4.25% से 4.50% के दायरे में स्थिर रखीं और निकट भविष्य में रेट कट को लेकर कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिया. इससे ग्लोबल इन्वेस्टर्स में निराशा फैली और भारतीय बाजार पर भी इसका असर पड़ा. कुछ एक्सपर्ट मानते हैं कि अब ब्याज दरों में कटौती एक या दो तिमाही बाद ही संभव है.

पिछले चार ट्रेडिंग सेशन्स में सेंसेक्स 2,100 से ज्यादा अंक गिर चुका है, यानी करीब 3% की गिरावट आई है. वहीं निफ्टी 2.5% लुढ़का है. इस गिरावट के दौरान बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप ₹13 लाख करोड़ घट गया. 23 जुलाई को BSE मार्केट कैप ₹460.35 लाख करोड़ था, जो 29 जुलाई को गिरकर ₹447 लाख करोड़ पर आ गया था.

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