Nainital: उत्तराखंड के रामपुर गांव के सरकारी प्राथमिक विद्यालय के इन छात्रों का कहना है कि स्थायी शिक्षक के न होने से उनके पास अपनी आवाज उठाने का इसके अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं था, शिक्षक की कमी उन्हें काफी खल रही है। छोटे बच्चे अपनी स्कूल बिल्डिंग के बाहर नारे लगा रहे हैं।
अभिभावकों से बच्चों की परेशानी नहीं देखी जा रही। इसी वजह से वे जल्द से जल्द स्थायी शिक्षक की नियुक्ति की मांग कर रहे हैं। अधिकारियों ने प्रदर्शनकारी अभिभावकों और छात्रों को जल्द ही समाधान निकालने का भरोसा दिया है। स्कूल में 43 बच्चे पढ़ते हैं। वे उम्मीद लगाए हैं कि स्थायी शिक्षक की नियुक्ति की उनकी मांग जल्द सुनी जाएगी और वे दोबारा अपने क्लासरूम में जाकर पढ़ाई में जुट सकेंगे।
छात्रों का कहना है कि “मैं कक्षा पांच में पढ़ता हूं। हमें पढ़ाने की दिक्कत है। हमारे वहां टीचर नहीं आ रहे हैं। हमको रोज पढ़ाने के लिए टीचर चाहिए। अभी एक दिन छोड़कर हमको पढ़ाने आते हैं। यहां बाहर से टीचर आ रहे हैं, एक दिन छोड़कर एक दिन आ रहे हैं। हमें पढ़ाने वाला टीचर चाहिए, सरकार हमारे लिए टीचर भेजो।”
स्कूल में टीचर नहीं है, एक दिन छोड़कर एक दिन आ रहे हैं। हमको परमानेंट टीचर चाहिए, हम सरकार से मांग करते हैं। हम पढ़ना चाहते हैं हमारे स्कूल में टीचर नहीं आ रहे।” इसके साथ ही अभिभावकों ने कहा कि “हमारी मांग है अध्यापक की, हमें अध्यापक चाहिए स्कूल में, हमारा स्कूल बंजर पड़ा है अध्यापक के बिना, हमारे नन्हे-मुन्ने बच्चे कहां जाएंगे, हमें अध्यापक चाहिए एक हफ्ते में। एक दिन आ रहे हैं एक दिन नहीं आ रहे हैं स्कूल में, ऐसे ऐसे करके कब तक बहलाएंगे फुसलाएंगे हमें। सरकार से हमारी ये मांग है कि हमें अध्यापक चाहिए।”
“रामपुर गांव में हम लोग रहते हैं, रामपुर गांव में स्कूल की कोई व्यवस्था नहीं हो पा रही है। सर लोग हफ्ते में एक दिन आ रहे हैं दूसरे दिन नहीं आ रहे। एक दिन अगले सर आ जा रहे हैं एक दिन दूसरे सर आ जा रहे हैं। ये कब तक चलेगा हमें परमानेंट सर चाहिए और ऐसे बच्चों का भविष्य अंधकार में जा रहा है।”
ब्लॉक शिक्षा अधिकारी हवलदार प्रसाद ने बताया कि “एक टीचर थे जो यहां पर पढ़ाते थे वो रिटायर हो गए हैं और हमने सरकार से मांग की, शिक्षा विभाग से मांग की कि तुरंत यहां पर एक स्थायी टीचर भेजा जाए जिससे कि बच्चों के पठन पाठन में रोक ना लग सके और तीन चार दिन बीत जाने के बाद भी यहां पर स्थायी टीचर की नियुक्ति नहीं की गई है। अस्थाई टीचर को यहां पर भेज दिया गया है। इसलिए जहां से वो टीचर आए हैं वहां भी पढ़ाई बाधित हो रही है और एक दिन छोड़कर एक दिन वो अगर यहां पर टीचर पढ़ाने आएंगे तो निश्चित रूप से पढ़ाई बाधित होगी। इसलिए मेरी सरकार से, शिक्षा विभाग से मांग है कि अतिशीघ्र यहां पर स्थायी टीचर की नियुक्ति की जाए।”