Madhya Pradesh: राज्य के धार्मिक शहरों में शराबबंदी लागू, मुख्यमंत्री ने नशामुक्ति की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया

Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश के उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर और मैहर समेत 19 धार्मिक शहरों और चुनिंदा ग्राम पंचायतों के अंतर्गत आने वाले इलाकों में शराबबंदी लागू कर दी गई। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शराबबंदी को “नशामुक्ति की दिशा में ऐतिहासिक कदम” बताया, मुख्यमंत्री ने शराबबंदी के फैसले की घोषणा की थी और इसे 24 जनवरी को महेश्वर शहर में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में मंजूरी दी गई थी। महेश्वर शहर मध्यकालीन युग की प्रसिद्ध रानी लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर से जुड़ा हुआ है।

एक अधिकारी ने बताया कि फैसले के मुताबिक उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, ओरछा, मैहर, चित्रकूट, दतिया, पन्ना, मंडला, मुलताई, मंदसौर और अमरकंटक की संपूर्ण शहरी सीमा और सलकनपुर, कुंडलपुर, बांदकपुर, बरमानकलां, बरमानखुर्द और लिंगा की ग्राम पंचायत सीमा में सभी शराब की दुकानें और बार बंद रहेंगे।

भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने इन 19 शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों को पूरी तरह से पवित्र घोषित किया है और इनके अधिकार क्षेत्र में आने वाले इलाकों में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। मोहन यादव ने एक बयान में कहा कि सरकार ने “नशामुक्ति की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम” उठाया है। उन्होंने इस कदम के पीछे इन शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़ी “सार्वजनिक आस्था और धार्मिक श्रद्धा” को कारण बताया।

जिन धार्मिक स्थलों पर शराब पर प्रतिबंध लागू होगा, वे एक नगर निगम, आधा दर्जन नगर परिषदों और इतनी ही संख्या में ग्राम पंचायतों में फैले हुए हैं। इनमें से, उज्जैन में भगवान शिव को समर्पित प्रसिद्ध महाकाल मंदिर है और अमरकंटक नर्मदा नदी का उद्गम स्थल है, जिसे राज्य की जीवन रेखा माना जाता है।

कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि ‘”एक तारीख से जो नगर निगम का क्षेत्र है उज्जैन का, वहां पर शराब की दुकानें बंद हो जाएंगी। इसके आस-पास का जो ग्रुप था वो आवंटित हो गया, दो ग्रुप और बचे हैं, उनका टेंडर आज खुल रहा है। तो शहर में आबकारी विभाग, पुलिस विभाग के माध्यम से ये शख्ती से बंद कराया जाएगा और उनका जो स्टॉक है वो भी लिया जा रहा है।”

“नगर निगम क्षेत्र की सारी दुकानें बंद हो रही हैं। निश्चित तौर पर काल भैरव की जो दुकान है, वो दुकान नहीं है वास्तव में काउंटर है एक दूसरी दुकान का वो भी बंद होगा। जहां तक पूजा इत्यादि का सवाल है मंदिर समिति द्वारा की जाती है। वैसी व्यवस्था यथावत जाती रहेगी।”

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