Preity Zinta: अभिनेत्री प्रीति जिंटा ने कांग्रेस की केरल इकाई द्वारा ‘एक्स’ पर की गई एक पोस्ट को ‘घटिया गपशप’ करार दिया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट बीजेपी को सौंप दिए और 18 करोड़ रुपये का लोन माफ करा लिया है।
कांग्रेस की केरल इकाई ने जल्द ही अपने कदम पीछे खींच लिए और कहा कि वो केवल मीडिया रिपोर्ट साझा कर रही थी और अगर कोई गलती हुई है तो उसे स्वीकार करने में खुशी होगी, विवाद का केंद्र भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा वित्तीय अनियमितताओं की रिपोर्ट के बीच 15 फरवरी को न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के बोर्ड को भंग करना है।
कांग्रेस केरल के ‘एक्स’ अकाउंट पर एक समाचार पोस्ट किया गया, जिसमें कैप्शन था कि जिंटा ने 18 करोड़ रुपये के ऋण को बट्टे खाते में डालने के लिए अपने सोशल मीडिया अकाउंट बीजेपी को सौंप दिए और अब बैंक के डूब जाने के बाद जमाकर्ता सड़कों पर हैं। गुस्से में जिंटा ने सुबह एक पोस्ट के साथ जवाबी हमला किया, जिसमें कांग्रेस की आलोचना करते हुए फर्जी खबरें फैलाने का आरोप लगाया गया।
उन्होंने लिखा कि “नहीं, मैं अपने सोशल मीडिया अकाउंट खुद ही चलाती हूं और आपको फर्जी खबरें फैलाने के लिए शर्म आनी चाहिए! किसी ने मेरे लिए कोई कर्ज या कुछ भी बट्टे खाते में नहीं डाला। मैं हैरान हूं कि कोई राजनीतिक पार्टी या उनका प्रतिनिधि फर्जी खबरें फैला रहा है और मेरे नाम और तस्वीरों का इस्तेमाल करके घटिया गपशप और क्लिक कराने में लिप्त है।”
उन्होंने कहा, “रिकॉर्ड के लिए बता दूं, लोन लिया गया था और 10 साल पहले ही पूरी तरह से चुका दिया गया था। उम्मीद है कि इससे स्थिति स्पष्ट हो जाएगी और मदद मिलेगी ताकि भविष्य में कोई गलतफहमी न हो।’’ अभिनेत्री ने फर्जी खबरें फैलाने के लिए पत्रकारों की भी आलोचना की और जवाबदेही की जरूरत बताई। कांग्रेस की केरल इकाई ने जिंटा के बयान के बाद स्पष्टीकरण देते हुए पोस्ट किया, जिसमें कहा गया कि ये जानकर अच्छा लगा कि वो अपने सोशल मीडिया अकाउंट चला रही थीं, जबकि अन्य सेलिब्रिटीज ने अपने अकाउंट ‘आईटी सेल’ को सौंप दिए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘आपकी ऋण स्थिति के बारे में स्पष्टीकरण के लिए धन्यवाद। अगर हमसे कोई गलती हुई है तो हमें उसे स्वीकार करने में प्रसन्नता होगी। हमने मीडिया संस्थानों की खबरों को साझा किया। इस खबर को रिपोर्ट करने वाले मीडिया संस्थान के अनुसार, न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक के पूर्व कर्मचारियों ने जनवरी 2020 में आरबीआई को लिखे एक पत्र में बैंक में चल रहे भ्रष्टाचार के बारे में चेतावनी दी थी। उस रिपोर्ट में कई अन्य लोगों के साथ आपका नाम भी था।’’
पोस्ट में लिखा गया, ‘‘हम उन जमाकर्ताओं के साथ खड़े हैं जिन्होंने अपनी बचत खो दी है। अगर रिपोर्ट गलत है, तो हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप सबूतों के साथ एक बार फिर से सब कुछ साफ करें और उनके हित में भी अपनी आवाज उठाएं।’’