Haryana: उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हरियाणा के कुरुक्षेत्र में कहा कि विकसित भारत अब सपना नहीं, बल्कि लक्ष्य है जिसे भगवद्गीता के संदेश को ध्यान में रखते हुए नागरिकों के सामूहिक प्रयासों से हासिल किया जाना है।
उन्होंने लोगों को उन ताकतों के बारे में भी आगाह किया जो भारत को नुकसान पहुंचाना चाहती हैं। धनखड़ ने कहा कि ‘‘हमने 2047 में विकसित भारत का रास्ता चुना है। विकसित भारत अब सपना नहीं, बल्कि हमारे सामने एक लक्ष्य है। इसे हासिल करने के लिए हमें गीता के संदेश को ध्यान में रखना होगा, जैसे अर्जुन अपने लक्ष्य पर केंद्रित था, हमें वही दृष्टि, वही दृढ़ संकल्प, वही एकाग्रता रखनी होगी।’’
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि उनके मन में कोई संदेह नहीं है कि विकसित भारत का लक्ष्य देश के लोगों के सामूहिक प्रयासों से 2047 तक या उससे भी पहले हासिल कर लिया जाएगा। उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में भारत की तेज प्रगति के बारे में चर्चा की और आशा जताई की देश, जो वर्तमान में विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, शीघ्र ही जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ देगा।
उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि “हम महाशक्ति हैं लेकिन हमने 2047 में विकसित भारत का रास्ता चुना है। विकसित भारत अब एक सपना नहीं, बल्कि हमारे सामने एक लक्ष्य है। इसे प्राप्त करने के लिए हमें गीता के संदेश को ध्यान में रखना होगा। अर्जुन का ध्यान मछली या आंख पर नहीं, आंख की पुतली पर था। हमें उसी फोकस की जरूरत है। जैसे अर्जुन अपने लक्ष्य पर केंद्रित थे, वैसी ही दृष्टि, वैसी ही दृढ़ता, वैसी ही एकाग्रता हमें रखनी होगी।”