Bitcoin scam: सीबीआई ने 6,600 करोड़ रुपये के ‘गेन बिटकॉइन पोंजी घोटाला’ मामले की जांच के सिलसिले में ऑडिट कंपनी के कर्मचारी गौरव मेहता से पूछताछ की। केंद्रीय एजेंसी ने अक्टूबर में कथित घोटाले से संबंधित तीन मामले दर्ज किए थे और मेहता को अपनी जांच टीम के सामने जल्द से जल्द पेश होने के लिए कहा था। मेहता का नाम महाराष्ट्र के राजनैतिक नेताओं की बातचीत से जुड़े कथित टेप में सामने आया था, जिसमें करोड़ों रुपये की क्रिप्टोकरेंसी को भुनाने की चर्चा की गई थी। इस मामले के सिलसिले में दोपहर से ही मेहता से पूछताछ की जा रही है।
अधिकारियों ने उनसे क्रिप्टोकरेंसी में कथित निवेश से संबंधित टेप और दस्तावेजों के बारे में पूछताछ की। अधिकारियों ने कहा कि मेहता से ये भी पूछा गया कि क्या उन्होंने राजनीतिक नेताओं के ‘ऑडियो क्लिप’ शेयर किए हैं और अगर हां, तो उनका विवरण दें। समझा जाता है कि ऑडिट कंपनी के कर्मचारी से कथित बिटकॉइन लेनदेन में उसकी भूमिका के बारे में पूछा गया।
लगभग 6,600 करोड़ रुपये मूल्य के बिटकॉइन इकट्ठा करने के आरोप में वेरिएबल टेक प्राइवेट लिमिटेड, दिवंगत अमित भारद्वाज, अजय भारद्वाज और अन्य के खिलाफ अलग अलग राज्यों में पुलिस की तरफ से कथित गेन बिटकॉइन पोंजी घोटाले से संबंधित 10 मामले दर्ज किये गए थे जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2023 में सीबीआई को सौंप दिया था।
आरोपितों ने ये रकम क्रिप्टोकरेंसी के रूप में 10 प्रतिशत मासिक रिटर्न देने के झूठे वादे के साथ बहु-स्तरीय-विपणन योजना के माध्यम से इकट्ठा की थी। बिटकॉइन (एक क्रिप्टोकरेंसी) किसी भी देश के केंद्रीय बैंक की तरफ से नियंत्रित नहीं होती है।
कथित आर्थिक धोखाधड़ी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की पूर्व संध्या पर तब राजनैतिक रंग ले लिया जब बीजेपी ने मंगलवार को बारामती सीट से सांसद सुप्रिया सुले और महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले के मेहता से बातचीत के कथित ऑडियो क्लिप सुनाए और आरोप लगाया कि चुनावों को प्रभावित करने के लिए बिटकॉइन को भुनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। मेहता को प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई की कार्रवाई का सामना करना पड़ा जब ईडी ने रायपुर में उनके कई परिसरों पर छापेमारी की। इसके बाद सीबीआई ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया।
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के एक पूर्व अधिकारी रवींद्रनाथ पाटिल ने भी दावा किया है कि मेहता ने उन्हें सिग्नल ऐप पर 10 ऑडियो क्लिप दिए थे, जिसमें सुले, पटोले, आईपीएस अधिकारी अमिताभ गुप्ता (पुणे के पूर्व पुलिस आयुक्त) और भाग्यश्री नवताके (पुणे के डीसीपी (साइबर) रहे) के कथित ऑडियो क्लिप शामिल थे।
पाटिल को वर्ष 2018 के क्रिप्टोकरेंसी ‘धोखाधड़ी’ मामले में पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने चुनाव आयोग को एक शिकायत भी भेजी थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सुले ने मेहता को तीन ऑडियो क्लिप भेजे थे, जिसमें वो कथित तौर पर मेहता से बिटकॉइन भुनाने के लिए कह रही थीं क्योंकि चुनाव के लिए धन की जरूरत थी। पाटिल ने कहा कि इसमें मेहता को आश्वासन दिया गया कि उसे पूछताछ के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि एक बार वे सत्ता में आएंगे तो मामले को संभाल लेंगे।