Sambhal: उत्तर प्रदेश में संभल जिले की एक अदालत के आदेश पर जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया, दावा है कि इस मस्जिद का निर्माण किसी मंदिर को खंडित करके किया गया है। बता दें, चंदौसी के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) ने एक याचिका स्वीकार करते हुए ढांचे का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया।
मालूम हो, संभल के कैला देवी मंदिर के ऋषिराज गिरी समेत पांच दूसरे वादियों ने अपनी याचिका में दावा किया कि प्राचीन मंदिर को मुगल सम्राट बाबर ने 1529 में मस्जिद में बदल दिया था।
मुख्य याचिकाकर्ता कैलादेवी मंदिर के महंत ऋषि राज गिरी महाराज हैं। मामले में केंद्र सरकार, यूपी सरकार, मस्जिद कमेटी और संभल के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) पक्षकार हैं। हालांकि संभल के सांसद जिया उर रहमान बर्क ने हिंदू पक्ष के दावे का विरोध किया।
समाजवादी पार्टी के लोकसभा सांसद ने कहा कि “संभल की जामा मस्जिद ऐतिहासिक और बहुत पुरानी है। सुप्रीम कोर्ट ने 1991 में आदेश दिया था कि 1947 के बाद से जो भी धार्मिक स्थल जिस भी स्थिति में हैं, वे वहीं रहेंगे।”
एसपी सांसद जिया उर रहमान बर्क ने कहा कि “सर्वोच्च न्यायालय ने जो आदेश दिया था, उसके तहत किसी भी धार्मिक स्थल के ऊपर कोई आपत्ति छेड़खानी नहीं होनी चाहिए, याचिका दायर नहीं करनी चाहिए। और हम उम्मीद करते हैं उन्होंने जो सर्वे किया है उनको सूई के बराबर कोई एक इंच भी चीज, जगह ऐसी नहीं मिल सकती, जिस पर आपत्ति हो सके। ये मस्जिद थी, मस्जिद है और इंशा अल्लाह ये मस्जिद रहेगी।”