New delhi: क्लाइमेंट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक और लद्दाख के 150 लोगों को देर रात दिल्ली पुलिस ने रिहा कर दिया, लेकिन बाद में उन्हें फिर से हिरासत में ले लिया गया। पुलिस के सीनियर अधिकारी ने बताया कि वांगचुक और हिरासत में लिए गए लद्दाख के लोगों को रिहा कर दिया गया था, लेकिन वे दिल्ली की ओर मार्च करने पर अड़े रहे, इसलिए उन्हें फिर से हिरासत में ले लिया गया।
उन्होंने कहा कि वांगचुक को कुछ दूसरे लोगों के साथ बवाना थाने में रखा गया है, जबकि उनके समर्थकों को नरेला औद्योगिक सेक्टर, अलीपुर और कंझावला के थानों में रखा गया है, अपनी मांगों को लेकर दिल्ली में एंट्री करने की कोशिश कर रहे वांगचुक और उनके समर्थकों को दिल्ली पुलिस ने सोमवार रात सिंघु बॉर्डर पर प्रोहिबिटरी का उल्लंघन करने के आरोप में हिरासत में लिया था।
एक महीने पहले लेह से शुरू हुई ‘दिल्ली चलो पदयात्रा’ का नेतृत्व सोनम वांगचुक कर रहे हैं। ‘लेह एपेक्स बॉडी’ ने ‘करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस’ के साथ मिलकर इस पदयात्रा का आयोजन किया था। जो पिछले चार साल से लद्दाख को राज्य का दर्जा दिलाने, संविधान की छठी अनुसूची में इसे शामिल करने और दूसरी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहा है।
प्रदर्शनकारी के प्रतिनिधि ने कहा कि जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है वे बेमियादी अनशन पर हैं, उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली पुलिस उन्हें गांधी स्मृति जाने की इजाजत नहीं देती है, तो वे रिहा होने के बाद भी पुलिस थानों में बैठे रहेंगे।
लद्दाख सांसद हाजी हनीफा जान ने कहा कि “जिस तरह से लद्दाख चीजें चल रही हैं। उसके चलते जो है पिछले तीन साल से हम लोग इत्तेजाज में हम लोग। चार प्वाइंट एजेंडे को लेकर हम इत्तेजाज पर हैं और हम चाहते थे कि हमसे मुजाकरात के जरिए हमारे वसाइल का हल हो, तो अभी सरकार जो है उस चीज पर बातचीत कर नहीं रहा है। यही वजह से कि लोगों से वो मिल नहीं रहे हैं।”