Delhi: मार्केट रेगुलेटर सेबी ने रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड से फंड की हेराफेरी के आरोप में उद्योगपति अनिल अंबानी और 24 और लोगों पर सिक्योरिटी मार्केट में कारोबार करने से पांच साल के लिए रोक लगा दी है। इसके अलावा, सेबी ने अनिल अंबानी पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है और उन्हें पांच साल तक किसी भी लिस्टेड कंपनी या सेबी-रजिस्टर्ड इकाई में डायरेक्टर या की मैनेजेरियल पर्सनल (केएमपी) के रूप में काम करने से रोक दिया है।
इसके अलावा 24 इकाइयों पर 21 करोड़ रुपये से लेकर 25 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया गया है, साथ ही सेबी ने रिलायंस होम फाइनेंस को छह महीने के लिए सिक्योरिटी मार्केट से प्रतिबंधित कर दिया है और उस पर छह लाख रुपये का जुर्माना लगाया है, अनिल अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस ग्रुप की कंपनी को इस सिलसिले में भेजे ई-मेल का कोई जवाब नहीं मिला है।
रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड के फंड की कथित हेरा-फेरी की कई शिकायतें मिलने के बाद सेबी ने किसी भी रेगुलेटरी वायलेशन का पता लगाने के लिए वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान जांच की। सेबी ने जांच में पाया कि अनिल अंबानी ने आरएचएफएल के केएमपी अमित बापना, रवींद्र सुधालकर और पिंकेश आर. शाह की मदद से कंपनी से फंड निकालने के लिए धोखाधड़ी का प्लान बनाया। इसमें इस पैसे को कंपनी से जुड़ी इकाइयों को कर्ज के रूप में दिखाया गया था।
आरएचएफएल के निदेशक मंडल ने हालांकि इस तरह की कर्ज देने की प्रथाओं को रोकने के लिए कड़े निर्देश जारी किए थे और कॉरपोरेट लोन की नियमित समीक्षा की थी, लेकिन कंपनी के प्रबंधन ने इन आदेशों की अनदेखी की। सेबी ने कहा कि इसके अलावा, बाकी इकाइयों ने या तो अवैध रूप से हासिल कर्ज को पाने वाले की भूमिका या आरएचएफएल से फंड को अवैध रूप से कहीं और पहुंचाने की प्रक्रिया को अंजाम देने में रोल निभाया है।