Russia: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन की रूस यात्रा पर मॉस्को पहुंचे, पीएम मोदी की रूस यात्रा को लेकर प्रवासी भारतीयों में गजब का उत्साह है। एक प्रवासी भारतीय ने कहा कि “देखिए हमरा जो रशिया के साथ रिलेशन है, वो वर्ल्ड में सबसे ज्यादा फेमस है। डीप रूट पॉलिटिकल, कल्चरल,सोसाइटी सब कुछ के साथ ये हिस्ट्री प्रोवेन है और अभी पॉलिटिकल सिचुएशन में भी गवर्नमेंट ऑफ इंडिया ने जिस तरीके से हमारा रशिया को सपोर्ट किया है। इसके लिए हम मोदी को तहे दिल से शुक्रगुजार हैं और सोसाइटी के लिए थोड़ा सा कुछ-कुछ काम बचा है। जैसे हम लोग सोच रहे है एक हिंदु मंदिर की डिमांड करे है प्राइम मिनिस्टर के थ्रू प्रेसिडेंट रूस से अगर वो मिल जाए तो एक हिंदु मंदिर यहां बन सेकेगा। उसके बाद थोड़ी सी एयरलाइन के अंदर प्रॉब्लम हैं जैसे सिर्फ एक ही एयरलाइन हमारे लिए ट्रांजिट वर्किंग करती है। अगर एयर इंडिया आ जाएं या कोई दुसरी एयरलाइन इंडिया से काम करे तो इसकी फ्रीक्वेंसी बड़ेगा, सीट की अवेलेबिलिटी बड़ेगी। और ट्रेड भी बढ़ रहा है। प्लस उसमें डीप रूट में जा कर कर सकते है।”
पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन 22वें भारत-रूस सालाना शिखर सम्मेलन में आपसी संबंधों को और मजबूत करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। इस पर रूस एनआरआई राकेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि “हमरा जो रशिया के साथ रिलेशन है। वो वर्ल्ड में सबसे ज्यादा फेमस है। डीप रूट पॉलिटिकल, कल्चरल,सोसाइटी सब कुछ के साथ ये हिस्ट्री प्रोवेन है और अभी पॉलिटिकल सिचुएशन में भी गवर्नमेंट ऑफ इंडिया ने जिस तरीके से हमारा रशिया को सपोर्ट किया है। इसके लिए हम मोदी को तहे दिल से शुक्रगुजार हैं और सोसाइटी के लिए थोड़ा सा कुछ-कुछ काम बचा है। जैसे हम लोग सोच रहे है एक हिंदु मंदिर की डिमांड करे है प्राइम मिनिस्टर के थ्रू प्रेसिडेंट रूस से अगर वो मिल जाए तो एक हिंदु मंदिर यहां बन सेकेगा। उसके बाद थोड़ी सी एयरलाइन के अंदर प्रॉब्लम हैं जैसे सिर्फ एक ही एयरलाइन हमारे लिए ट्रांजिट वर्किंग करती है। अगर एयर इंडिया आ जाएं या कोई दुसरी एयरलाइन इंडिया से काम करे तो इसकी फ्रीक्वेंसी बड़ेगा, सीट की अवेलेबिलिटी बड़ेगी। और ट्रेड भी बढ़ रहा है। प्लस उसमें डीप रूट में जा कर कर सकते है।“
रूस में रहने वाले भारतीयों का कहना है कि “भारत-रूस के संबंध बहुत पुराने हैं और ये संबंध और अति मजबूत होते जा रहे है। प्रधानमंत्री मोदी जी का रूस में बहुत बहुत स्वागत है। हमारी एक ही अपेक्षा है कि भारतीय डायस्पोरा जो यहां पर है उनके लिए कुछ किया जाए, जिसे कि जो इंडियन डायस्पोरा के बच्चें है उनकों अच्छी शिक्षा मिल पायें। स्कूलों को थोड़ा मजबूत किया जाएं और इंडियन डायस्पोरा जो इंडिया से गुड्स को इंपोर्ट कर रहा है उसमें भी कुछ प्रोब्लम फेस कर रहा है, उनकों दूर किया जाएं जिससे भारत और रूस एक शक्तिशाली संबंध को आगे बढ़ा सके।”