Dehradun: उत्तराखंड के देहरादून में सड़क को चौड़ा करने के लिए पेड़ों की कटाई का लोगों ने विरोध किया, पर्यावरण के प्रति जागरूक कार्यकर्ताओं का कहना है कि शहर में लगातार पेड़ों की कटाई से जलवायु पर काफी असर पड़ा है।
देहरादून में इस बार गर्मी के मौसम में दिन का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा, पूर्व सीएम हरीश रावत ने पर्यावरण संबंधी चिंताओं को उठाने के मुद्दे पर लोगों का समर्थन किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उनके मंत्रियों ने भी विकास कार्य के दौरान पर्यावरण का ध्यान रखने की बात कही है।
इस साल देश के कई हिस्सों में लंबे समय तक चलने वाली लू ने पर्यावरण की तरफ लोगों का ध्यान खींचा है। लोगों को लगने लगा है कि अगर पेड़ों को नहीं बचाया गया तो आने वाले सालों में और भी ज्यादा गर्मी पड़ेगी। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इसी गर्मी में हम लोगों ने देखा है कि तापमान कितना बढ़ गया है, पिछली गर्मी के साथ अगर उसे कंपेयर करें तो, देहरादून का तब से टेम्परेचर रिकॉर्ड करें तो सबसे ज्यादा टेम्पेरेचर इसी गर्मी में हुआ है। ये सब इसी कारण से हुआ है कि हम पेड़ो को काट रहे हैं। पेड़ हमें जीवन प्रदान करते हैं लेकिन, हम उनको क्या दे रहे हैं बदले में? हम उनको काट रहे हैं।”
इसके साथ ही कहा कि “हमें नहीं चाहिए ऐसा विकास जिसमें पेड़ कट रहे हैं, जिसमें हमारा जो हरा-भरा देहरादून है इसी से जाना जाता था हमारा देहरादून कि हरियाली है। लोग इसी के लिए आते थे और अब वही नहीं बचेगा। इतनी गंदगी फैल रही है तो कोई फायदा नहीं है इस विकास का। हमें विकास चाहिए, लेकिन सस्टेनेबल डेवलपमेंट नाम की कोई चीज होती है। हमें वो चाहिए।”
इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि “हमने कहा है कि रोड का जितना चौड़ीकरण होना है उतना जरूरी है। लेकिन, उसमें पेड़ काटना नहीं है, बिन पेड़ काटे उसका चौड़ीकरण होना है।”