Cyclone Biparjoy: भारत के पश्चिमी तट की ओर बढ़ रहा बिपरजॉय, गुजरात में ऑरेंज अलर्ट जारी

Cyclone Biparjoy: अरब सागर में उठा चक्रवाती तूफान बिपरजॉय भारत के पश्चिमी तट की ओर बढ़ रहा है। इस तूफान को गुजरात से टकराने में सिर्फ एक दिन बाकी है। 15 जून की शाम तक यह कच्छ जिले के जखौ पोर्ट से टकराएगा। दस दौरान 150 किमी/घंटे तक की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान है।

गुजरात और मुंबई के तटीय इलाकों में तेज हवाओं और ऊंची लहरों के कारण अब तक 9 लोगों की मौत की खबर है। वहीं, गुजरात सरकार ने कच्छ-सौराष्ट्र में समुद्र तट से 10 किलोमीटर की सीमा में 7 जिलों से 30 हजार लोगों को निकालकर शेल्टर होम में भेजा है। गुजरात में तूफान को लेकर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

Cyclone Biparjoy:  Cyclone Biparjoy:

गुजरात और महाराष्ट्र के साथ ही 9 राज्यों पर इसका असर होने का अनुमान लगाया गया है। तूफान के 15 जून की शाम तक गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ से गुजरने का अनुमान है। कच्छ, द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरबी के चक्रवात से सबसे ज्यादा प्रभावित होने की आशंका है।

देश के नौ राज्यों में चक्रवाती तूफान का असर है। गुजरात के आठ जिलों में रेड अलर्ट है। राहत और बचाव के लिए NDRF, SDRF, कोस्ट गार्ड के अलावा सेना को तैनात किया गया है।
बिपरजॉय को लेकर पाकिस्तान में भी अलर्ट है। सिंध के सबसे पुराने बंदरगाह केटी बंदार के पास तूफान लैंडफॉल कर सकता है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम जारी है।

Cyclone Biparjoy:  पाकिस्तानी मौसम विभाग के मुताबिक, तूफान गुरुवार को केटी बंदार के आबादी वाले हिस्से को हिट कर सकता है। सेना ने इलाके में रह रहे 80 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम जारी है। तूफान का असर रेलवे के परिचालन पर भी पड़ा है। पश्चिम रेलवे ने तूफान की चेतावनी के चलते करीब 95 ट्रेनों को रद्द या शॉर्ट टर्मिनेटेड किया है।

उधर, अमित शाह( Amit Shah) ने मंगलवार को दिल्ली में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्रियों के साथ बैठक की थी। इसमें गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, दो केंद्रीय मंत्री, गुजरात सरकार के कई मंत्री भी शामिल हुए।
बैठक में शाह ने बिपरजॉय तूफान से निपटने को आपदा प्रबंधन के लिए 8000 करोड़ रुपए की 3 बड़ी स्कीमों की घोषणा की। इसमें फायर ब्रिगेड का आधुनीकरण, बाढ़ नियंत्रण और लैंडस्लाइड की घटनाओं पर रोकथाम शामिल हैं।

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