कहते हैं न बच्चे देश का भविष्य होते हैं.और इन बच्चो को बेहतर शिक्षा दीक्षा देकर इन छात्र छात्राओं का भविष्य तय करते हैं. शिक्षक लेकिन जरा राजकीय इंटर कालेज घेस की ये तस्वीर कुछ और ही बंया कर रही है. यहां बच्चे खुली किताबें खोलकर खुली धूप का आंनद ले रहे है. वही मास्टर जी का इंतजार ये खाली कुर्सियां कर रही है. यहां पांच की पांच कक्षाएं संचालित हो रही हैं. लेकिन किसी भी कक्षा के छात्र छात्राओं को पढ़ाने के लिए रखी गयी कुर्सी पर एक भी शिक्षक मौजूद नहीं.
ये तस्वीरें 12 दिसम्बर की हैं जिस दिन घेस के इसी इंटर कॉलेज के एक हॉल में बीडीसी बैठक का भी आयोजन किया गया. वहीं राजकीय इंटर कालेज के प्रधानाचार्य सन्दीप कुमार से जब इस बारे में पूछा गया तो गोलमोल जवाब देते हुए वे विद्यालय में शिक्षकों की कमी का हवाला देते हुए नजर आए उनके मुताबिक विद्यालय में कई पद रिक्त चल रहे हैं. और सिर्फ 5 परमानेंट अध्यापक और 3 गेस्ट टीचर अध्यापन कार्य के लिए उपलब्ध हैं. लेकिन तस्वीरें बता रही हैं कि 8 अध्यापको की मौजूदगी के बावजूद छत पर धूप सेकते इन छात्र छात्राओं को पढ़ाने की जहमत एक भी अध्यापक न उठा सके.
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