Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर का श्रीनगर भीषण ठंड की चपेट में है, ऐसे में शरीर को गर्म रखने के लिए ‘कांगड़ी’ की बिक्री में अचानक तेजी देखी गई। कांगडी, टोकरी के अंदर एक मिट्टी का छोटा बर्तन होता है, जिसे चारकोल से जलाया जाता है। ये लोगों के लिए मूवेवल हीटर जैसा काम करता है।
लोगों का कहना है कि हाल के दिनों में लगातार बिजली कटौती और महंगे बिजली बिल के कारण ‘कांगड़ी’ की मांग बढ़ गई है। ‘कांगड़ी’ न केवल कश्मीर की परंपरा का प्रतीक है, बल्कि लोगों की जरूरत भी है। इसका इस्तेमाल 40 दिनों तक पड़ने वाली कड़ाकी की ठंड के समय, ‘चिल्लाई कलां’ के दौरान बढ़ जाता है, जो 21 दिसंबर को शुरू हुई थी।
इस दौरान तापमान शून्य से नीचे चला जाता है और जलस्रोत जम जाते हैं, ‘कांगड़ी’ की मांग बढ़ने से शहर के उन दुकानदारों को काफी राहत मिली है, जो कुछ समय पहले तक इसकी बिक्री में गिरावट से परेशान थे। रविवार को श्रीनगर में माइनस 6.5 डिग्री तापमान के साथ सीजन की सबसे ठंडी रात दर्ज की गई थी। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक शहर में सर्दियों का शुष्क दौर जारी रहने की उम्मीद है।