पिटबुल डॉग ने ली मालकिन की जान, 41 देशों में बैन है पिटबुल, ये हैं दुनिया के 5 सबसे खतरनाक डॉग लखनऊ: विदेशी नस्ल का डॉग पालने का शौक तो बहुत लोगों को होता है पर बिना ट्रेनिंग के उसे घर में पालने का नुकसान क्या हो सकता है इसका उन्हें अंदाजा नहीं होता। सबसे खतरनाक डॉग माने जाने वाले पिटबुल डॉग ने कैसरबाग में रहने वाली अपनी बुजुर्ग मालकिन की जान ले ली। यह इस नस्ल के डॉग से जुड़ी पहली घटना नहीं है। इससे पहले जयपुर के गंगा नगर में पालतू पिटबुल ने मासूम बच्चों पर हमला किया था। पिटबुल डॉग 41 देशों में बैन है, फिर भी लोग बिना ट्रेनिंग के उसे घर में सुरक्षा के लिए रखते हैं।
कैसरबाग के बंगाली टोला निवासी सुशीला त्रिपाठी (78) को उनके घर में पल रहे डॉग ने मंगलवार सुबह नोंचकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। परिजनों ने उनको इलाज के लिए बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनकी मौत हो गई। अस्पताल से जारी मेमो पर पहुंची पुलिस ने शव को पीएम के लिए भेज दिया। इस मामले में परिजन कुछ भी बोलने से इंकार कर रहे हैं। कैसरबाग के बंगाली टोला में सुशीला त्रिपाठी परिवार के साथ रहती हैं। परिवार में उनके अलावा बेटा व कई अन्य लोग हैं। एक नौकरानी भी घर में ही रहती है। बेटा अमित त्रिपाठी अलीगंज स्थित एक जिम में ट्रेनर है। घर में दो पालतू डॉग हैं। एक लैब्राडोर है तो दूसरा खूंखार पिटबुल प्रजाति का है। मंगलवार सुबह बेटा अमित जिम चला गया। वहीं, सुशीला डॉग्स को छत पर टहला रही थीं। इसी बीच अचानक पिटबुल उन पर हमलावर हो गया। उसने काटना शुरू कर दिया। बुजुर्ग अपनी जान बचाने के लिए चीख रही थीं। इधर-उधर भाग रहीं थी, लेकिन पिटबुल के चंगुल से बच नहीं सकीं। पिटबुल ने उनके शरीर पर कई जगह काटा। उसने उनके पेट, चेहरे और हाथ में कई जगह अपने जबड़े से नोंचा, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गईं।
ट्रेनर न मिलने से उग्र हो जाता है पिटबुल
डॉग ट्रेनर पारा निवासी बीबी पांडेय का कहना है कि पिटबुल एक शिकारी कुत्ता है। इसे बिना ट्रेनिंग दिए घर में पालना उचित नहीं है। यह बहुत जल्द हाइपर हो जाता है। घटना को लेकर उनका कहना है कि किसी क्रिया पर इसने इस तरह प्रतिक्रिया की होगी। अनुशासन और आज्ञाकारी बनाए रखने के लिए पिटबुल को ट्रेनिंग दिया जाना बेहद जरूरी है। कई देशों में इसे घर पर पालने पर प्रतिबंध भी है। बिना ट्रेनिंग के पिटबुल को घर में अकेले न छोड़ें, यह बहुत जल्द आक्रामक हो जाता है।
यह है सबसे विदेशी खतरनाक डॉग्स
बेहद अक्रामक और सिरफिरे किस्म की इन प्रजातियों को जर्मनी, डेनमार्क, स्पेन, ग्रेट ब्रिटेन, आयरलैंड, रोमानिया, कनाडा, इटली और फ्रांस समेत 41 देशों में बैन किया गया है। ताकतवर जबड़ों वाला पिटबुल अपने इलाके के लेकर बहुत ही गुस्सैल होता है। गुस्सा आने पर मालिक भी इसे काबू नहीं कर पाता है।
रोटवीलर
हर समय चुस्त रहने वाले रोटवीलर स्पेन और फ्रांस में बैन है। कुत्ते की यह नस्ल आम तौर पर चौकीदारी में बहुत तेज होती है। इसे ढंग से ट्रेनिंग न दी जाए या मालिक खुद कंप्यूज रहे तो रोटवाइलर को संभालना मुश्किल हो जाता है।
अकिता इनु
जापान से निकली कुत्ते की यह नस्ल स्पेन और आयरलैंड में बैन है। अकिता आक्रमक किस्म का कुत्ता है। यह बड़े मूडी भी माने जाते हैं। खेल खेल में ये कब भड़क जाएं, अंदाजा लगाना मुश्किल होता है। अमेरिकी केनल क्लब के मुताबिक इस कुत्ते को बच्चों के साथ अकेला नहीं छोडऩा चाहिए।
मास्टिफ
मास्टिफ प्रजाति में कई किस्मे के कुत्ते आते हैं और ये सभी फ्रांस में प्रतिबंधित हैं। शांत स्वभाव वाले इन कुत्तों में बहुत ज्यादा ताकत होती है। इन्हें घुमाना आसान नहीं। अक्सर ये कमजोर लोगों को अपने साथ चेन या पट्टे समेत खींच ले जाते हैं।
स्टेफोर्डशायर टेरियर
यह नस्ल भी डेनमार्क, जर्मनी, स्पेन, आयरलैंड, फ्रांस और रोमानिया में बैन है। आम तौर पर स्टेफोर्डशायर टेरियर कुत्ते पारिवारिक माने जाते हैं, लेकिन इनके भीतर भी अपने इलाके को लेकर बहुत ज्यादा संवेदनशीलता होती है। गुस्सा आने पर यह कहना नहीं मानते।
रूसी शेपर्ड डॉग
डेनमार्क में बैन यह कुत्ता अपनों की बखूबी हिफाजत करता है, लेकिन बाहरी किसी चीज को बर्दाश्त नहीं करता। भले ही वो बच्चे हों, मेहमान हो या जानवर इस कुत्ते का वजन 36 से 80 किलो तक जा सकता है।