Navratri 2023: शक्ति की आराधना का पावन पर्व शुरु, नवरात्रि के पहले दिन मंदिरों में श्रदालुओं का तांता

Navratri 2023: देश में शक्ति की आराधना का पावन पर्व शुरु हो चुका है, नवरात्रि के पहले दिन वाराणसी के दुर्गा मंदिर में पूजा-अर्चना करने श्रद्धालु पहुंचे हैं। नवरात्रि यानी महाशक्ति की पूजा के नौ दिन, जिसमें देवी के नौ स्वरूपों की अराधना की जाती है और नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है।

हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व का खास महत्व होता है, नवरात्रि एक साल में दो बार आते हैं। एक बार चैत्र के महीने में और दूसरी बार अश्विन माह नवरात्रि में माता की खास पूजा की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन पूजा-अर्चना करने के लिए हजारों श्रद्धालु प्रयागराज के अलोप शंकरी शक्तिपीठ में पहुंचे, देशभर के 51 शक्तिपीठों में से एक अलोप शंकरी शक्तिपीठ भी है, इस मंदिर में एक पालने की पूजा की जाती है।

श्रद्धालुओं का कहना है कि “हम लोग आज यहां पर मां अलोपी देवी मंदिर के धाम में आए हैं। अष्ट भुज माता हैं ये। यहां माता कुंड में समाई हुईं हैं और यहां की ये मान्यता है कि कोई भी भक्त यहां सच्चे ह्दय से प्रार्थना करता है तो वो आवश्य पूर्ण भी होती ही है। ये यहां की मान्यता है। आज नवरात्र का पहला दिन है और हम अलोपी माता के मंदिर आए हैं। यहां पर पालने की पूजा होती है। हम लोगों की ऐसी मान्यता है कि यहां पर आने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।”

Navratri 2023: Navratri 2023:

उन्होंने कहा कि “अलोपी माता के दर्शन करने आए हैं। ये शक्तिपीठ में से एक हैं और एक ऐसा मंदिर है जहां पर पार्वती जी या देवी जी की कोई मूर्ति नहीं है। यहां हम लोग पालने की पूजा करते हैं। और यहां पर आने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। प्रयागराज में ये दूसरा शक्तिपीठ है। एक कल्याणी देवी है और एक यहां पर हैं। यहां पर मूर्ति कोई नहीं है।”

इसके साथ ही हरिद्वार में नवरात्रि की शुरुआत होते ही हजारों श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे. उत्तराखंड के मनसा देवी मंदिर में श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की और मनसा देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। श्रद्धालुओं का कहना है कि “यह मान्यता है कि मां भगवती की नवरात्रि शुरू हुए हैं मां के दर्शन करना बहुत लाभकारी होता है। सुबह से ही भक्तों की लंबी-लंबी लाइन लगी है। सभी भक्त प्रेम से दर्शन कर रहे हैं।”

वहीं पंडित आचार्य केशव ने बताया कि “इस समय सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बहुत ज्यादा होता है। इसलिए अगर कोई इस समय प्रार्थना करता है, आस्था दिखाता है तो उसकी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।”

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