Jagannath Temple: पुरी में श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने इस साल एक जनवरी से मंदिर परिसर के अंदर गुटखा और पान खाने के साथ-साथ प्लास्टिक और पॉलिथीन प्रोडक्ट के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। गुटखा और पान खाने वाले श्रद्धालुओं पर अपनी निगरानी बढ़ाने के अलावा मंदिर प्रशासन ने उनसे मंदिर में प्लास्टिक की थैलियों में कोई भी सामान नहीं ले जाने का भी अनुरोध किया है।
इसके अलावा मंदिर में ड्रेस कोड भी लागू किया गया है। मंदिर परिसर के अंदर हाफ पैंट, रिप्ड जींस, स्कर्ट और स्लीवलेस कपड़े पहनने की मनाही है। नया नियम लागू होने के बाद से, कई पुरुष श्रद्धालुओं को धोती पहने देखा गया, जबकि महिलाओं ने ज्यादातर साड़ी या सलवार कमीज पहनी थी।
अधिकारियों के मुताबिक पिछले साल की तुलना में इस बार नए साल के दिन मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या दोगुनी थी, 17 जनवरी को ऐतिहासिक मंदिर के चारों ओर हेरिटेज कॉरिडोर के उद्घाटन के साथ मंदिर आने वाले लोगों की संख्या में और बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
जगन्नाथ मंदिर के प्रशासन प्रमुख रंजन कुमार ने बताया कि “हमने मंदिर के अंदर पान, गुटखा पर पूरी तरह प्रतिबंध शुरू कर दिया है। इसी तरह, हमने मंदिर के अंदर पॉलिथीन और प्लास्टिक के सामान का इस्तेमाल भी बंद कर दिया है। इसलिए, जो सेवादार और तीर्थयात्री मंदिर के अंदर आ रहे हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे मंदिर में आने से पहले कोई पान, गुटखा, या किसी भी प्रकार का नशा न लें और मंदिर के अंदर जहां चाहें वहां न थूक दें। ये मंदिर की सुंदरता को प्रभावित करता है, साथ ही मंदिर की पवित्रता को भी प्रभावित करता है।
प्रशासन प्रमुख का कहना है कि “भगवान के लिए पूजा का सामान, फूल और दूसरे सामान लेकर आने वाले लोगों को इसे प्लास्टिक और पॉलिथीन के अलावा दूसरी सामग्रियों में लाना चाहिए। वे बांस, बेंत और दूसरी पत्तेदार सामग्री या किसी दूसरे तरह के वेजिटेबिल मेटेरियल या कपड़े के थैले या पेपर बैग का भी इस्तेमाल कर सकते हैं ताकि प्लास्टिक से प्रदूषण मंदिर के परिसर को प्रभावित न करे।”
इसके साथ ही कहा कि “‘हमने पहले भी उन कपड़ों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया था जो मंदिर परिसर के लिए उचित नहीं हैं। इसलिए, इसे पहले से ही बहुत से लोगों ने मान लिया और इसकी सराहना की गई है और अब मंदिर में आने वाले ज्यादातर लोग ड्रेस कोड का पालन कर रहे हैं। इसलिए, हमें इस मुद्दे पर कोई समस्या नहीं है।”