Republic Day: गणतंत्र दिवस पर गुजरात की झांकी में दिखेगी टूरिस्ट विलेज धोर्डो की झलक

Republic Day: कच्छ के धोर्डो गांव को हाल में दुनिया के 54 सबसे बेहतरीन टूरिस्ट विलेज की सूची में शामिल किया गया है, नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड में इसी धोर्डो गांव की झांकी दिखाई जाएगी। झांकी का शीर्षक “धोर्डो: ग्लोबल आइडेंटिटी ऑफ गुजरात बॉर्डर टूरिज्म” रखा गया है, ये झांकी 26 जनवरी को 75वें गणतंत्र दिवस समारोह में नई दिल्ली के कर्तव्यपथ पर दिखाई जाएगी।

धोर्डो को संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन यानि यूएनडब्ल्यूटीओ ने सबसे बेहतरीन टूरिस्ट विलेज 2023 की सूची में शामिल किया है। झांकी में इसे विकसित भारत की झलक के रूप में पेश किया जाएगा, जो ‘परंपरा, पर्यटन और प्रौद्योगिकी’ की अनोखी नुमाइंदगी है। झांकी में स्थानीय हस्तशिल्प, रोगन कला, रण उत्सव, टेंट सिटी और गरबा के साथ यूएनडब्ल्यूटीओ से मान्यता प्राप्त धोर्डो के खास “भुंगा” घर दिखाए जाएंगे। इन्हें यूनेस्को ने गुजरात की “अमूर्त सांस्कृतिक विरासत” बताया है।

कच्छ के रेगिस्तान में धोर्डो के लोग मुश्किल हालात में जीते हैं। फिर भी इस गांव ने गुजरात बॉर्डर टूरिज्म की शानदार मिसाल पेश की है। गणतंत्र दिवस परेड में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 16 और केंद्र सरकार के विभागों की नौ झांकियां दिखाई जाएंगी। इस साल फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे।

गुजरात सरकार के सूचना निदेशालय से बताया गया कि “धोर्डो, हमारे बॉर्डर टूरिज्म का ग्लोबल प्रतीक है, जो हमारी थीम भी है। और इस थीम को ध्यान में रखते हुए हम लोगों ने जो धोरडो का विकास हुआ है टूरिज्म सेक्टर में, उसको दर्शाने का प्रयास किया है। ये एक ऐसा गांव हैं जिसमें तीन महत्वपूर्ण चीज़ों का संजोग बना हुआ है। जिसमें ट्रेडिशन है, टूरिज्म है और टेक्नोलॉजी है। और ट्रेडिशन आप देख रहे हैं हमारी झांकी के जरिए दर्शाने का प्रयास किया है। इसी के साथ ही यहां जो रण उत्सव हो रहा है, गुजरात देश के और बहुत सारे सेनानी यहां की कला और संस्कृति का लुत्फ उठाने के लिए आते रहे हैं।”

इसके साथ ही कहा कि “इसको यूएनडब्ल्यूटीओ के द्वारा बेस्ट विलेज की सूची में इसको शामिल किया गया है और आप जो गरबा देख रहे हैं, इसी साल यूनेस्को जो है उसने इनटेंजिबल कल्चरल हेरिटेज की लिस्ट में गरबा को शामिल किया है। तो यूनाइटेड नेशन की तरफ से गुजरात को दो रिकगनाइजेशन मिले हैं। विकसित भारत की कल्पना हमारी जो 2047 की है। वो भी जो है इसमें शामिल हो सकता है।”

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