Gujarat: वडोदरा में नवरात्रि के लिए ‘गरबा’ बनाने में तेजी आई

Gujarat: नवरात्रि नजदीक आने के साथ-साथ गुजरात में वडोदरा के कुंभारवाड़ा में मिट्टी के खास बर्तन बनाने में तेजी आ गई है। ये बर्तन गरबा के नाम से मशहूर हैं, प्रजापति परिवार पीढ़ियों से नवरात्रि के लिए मिट्टी के गरबे तैयार करता आ रहा है।

मिट्टी का गरबा बनाने में परिवार की महिलाएं अहम योगदान देती हैं, बर्तन तैयार होने के बाद उन्हें रंगा जाता है और सजाया जाता है। गरबों की मांग पूरा करने के लिए प्रजापति परिवार नवरात्रि से तीन-चार महीने पहले ही इन्हें बनाने का काम शुरू कर देता है। इस दौरान 1500 से ज्यादा गरबे बनाए जाते हैं।

गरबा बनाने वाली महिलाओं का कहना है कि “हमारा ये पुरखों का धंधा है। बाप-दादा का ही धंधा रहता है। इतने सालों से गरबा बना ही रहे हैं। और हमारा जो गरबा का काम रहता है, वो तीन-चार महीने पहले से स्टार्ट कर देते हैं। पहले हम पकने में दो-तीन दिन लग जाते हैं। फिर उसको छेद करना पड़ता है, 27 छेद हम करते हैं।

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जब ये गरबा अपने घर पे करना होता है, तब ये गरबा उनके घर ले जाते हैं। उसमें घट की स्थापना करते हैं घर पे। और फिर उसमें दीपक जला कर माता जी की आराधना करते हैं। सब उसके गरबा करते हैं। छोटी-छोटी बच्चियां उनको सिर पर लगा कर घूमती हैं। मतलब माता जी की आराधना करती है। माता जी के गरबे गाते हैं।”

उन्होंने कहा कि “जब गरबा हमको बनाना होता है तो मिट्टी का कलेक्शन करते हैं। जैसे तालाब की मिट्टी होती है। नदी की मिट्टी होती है। लेकिन जब वो मिट्टी लाते हैं तो पूरी वो रॉ मैटेरियल होती है। उसको पूरा छानते हैं। फिर उसको गूंथते हैं। उसको पूरा गारते हैं। उसको बाद में चकले पे पूरा उसको शेप देते हैं, जैसे आपको बनाना है। उसके बाद उसको पकाते हैं हम लोग। बाद में भट्टी में। तो भट्टी में पकाते हैं। तब उसको दो-तीन दिन लगते हैं।”

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