Bengaluru: इसरो ने आज कहा कि भारत के आदित्य एल-वन सौर मिशन अंतरिक्ष यान ने डेटा इकट्ठा करना शुरू कर दिया है जो वैज्ञानिकों को पृथ्वी के आसपास के कणों के व्यवहार का विश्लेषण करने में मदद करेगा। इसमें कहा गया है कि भारत की पहली सौर वेधशाला में लगे एक उपकरण के सेंसर ने पृथ्वी से 50,000 किमी से अधिक दूरी पर सुपर-थर्मल और ऊर्जावान आयनों और इलेक्ट्रॉनों को मापना शुरू कर दिया है।
बेंगलुरू मुख्यालय वाली राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “ये डेटा वैज्ञानिकों को पृथ्वी के आसपास के कणों के व्यवहार का विश्लेषण करने में मदद करता है।” सुप्रा थर्मल एंड एनर्जेटिक पार्टिकल स्पेक्ट्रोमीटर (STEPS) उपकरण आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (ASPEX) पेलोड का एक हिस्सा है।
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इसरो ने कहा, “ये चरण माप आदित्य-एल वन मिशन के क्रूज़ चरण के दौरान जारी रहेंगे क्योंकि ये सूर्य-पृथ्वी एल वन बिंदु की ओर आगे बढ़ेगा। अंतरिक्ष यान अपनी इच्छित कक्षा में स्थापित होने के बाद भी ये जारी रहेंगे।” STEPS को अहमदाबाद में अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के सहयोग से भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला ने विकसित किया था, इसरो ने दो सितंबर को पीएसएलवी-सी57 रॉकेट का उपयोग करके आदित्य एल-वन लॉन्च किया था।