Gujarat: गुजरात में कच्छ जिले के माधापर देश का सबसे अमीर गांव होने का दावा करता है, यहां के लोगों ने न सिर्फ गांवों को लेकर लोगों की सोच को बदली है, बल्कि इसे खुशहाली और विकास का केंद्र बना दिया है। माधापर गांव में करीब 7,600 घर हैं। यहां के ज्यादातर लोग अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, अफ्रीका और खाड़ी देशों में बस गए हैं, यह लोग वहां से अपने परिवारों को पैसे भेजकर गांव की तरक्की में योगदान दे रहे हैं।
गांव के 17 बैंकों में लगभग 7,000 करोड़ रुपये जमा हैं। इनमें ज्यादातर पैसा यहां के प्रवासियों का है, लोगों के मुताबिक भले ही माधापर गांव के कई लोग विदेश में बस गए, लेकिन उन्होंने अपनी जड़ों को नहीं छोड़ा और इसके विकास में योगदान देते रहे।
माधापर की खुशहाली का सफर दूसरे गांवों के लिए मिसाल बन चुका है। ये नया बदलाव लाने की सोच को भी दिखाता है। जयंत माधा परिया, अध्यक्ष, पटेल समुदाय “1945 के बाद से यहां के लोग दुनिया भर में प्रवास करते हैं और निर्माण और अन्य छोटे व्यवसाय करते हैं। उनमें पैसा कमाने और इसे देश में वापस भेजने की भावना होती है। तो फिलहाल यहां 14-15 बैंक हैं और हमारे बैंक में करीब सात-आठ हजार करोड़ रुपये जमा हैं।”
पंजाब नेशनल बैंक के ब्रांच मैनेजर का कहना है कि “यहां कई बैंक हैं, सभी नेशनल बैंकों की शाखाएं यहां हैं और अब निजी बैंक भी यहां हैं। यदि हम यहां देखें तो प्रत्येक बैंक में अलग-अलग देखें तो प्रत्येक शाखा में सैकड़ों करोड़ से अधिक की जमा राशि है।”
इसके साथ ही बताया कि “वह अपने जन्मस्थान को नहीं भूले और यहां विकास कार्यों के लिए दान भी दे रहे हैं। हमारे गांव में पहला हाई स्कूल 1962 में बनाया गया था, जबकि उस समय अन्य गांवों में शिक्षा का कोई महत्व नहीं था। माधापर गांव में प्राथमिक विद्यालय और पूर्व माध्यमिक विद्यालय का भी निर्माण कराया गया। वर्तमान में जिला स्तरीय खेल विद्यालय माधापर में है।”