Jammu: जम्मू कश्मीर पुलिस ने जम्मू के अखनूर सेक्टर में लोगों को पैदल चिनाब नदी पार न करने की चेतावनी दी है। नदी में पानी का बहाव सबसे कम होने के बाद सैकड़ों ग्रामीण नदी में जमा हो गए हैं। इनमें से कुछ लोग सोने-चांदी के आभूषण और सिक्के खोजते देखे गए। अधिकारियों ने बताया कि जलस्तर में गिरावट का कारण रामबन और रियासी जिलों में बगलिहार और सलाल बांधों के जरिए नदी के बहाव को रोकना है।
केंद्र ने 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के मद्देनजर सिंधु जल संधि को निलंबित करने की घोषणा की, जो 1960 से भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के उपयोग को नियंत्रित करती है। पिछले सप्ताह गाद निकालने के अभियान के बाद, जलाशयों को फिर से भरने के लिए बगलिहार और सलाल बांधों के द्वार सोमवार को बंद कर दिए गए, जिससे चिनाब नदी के निचले हिस्से में खासकर अखनूर सेक्टर में काफी कमी आई।
पानी के कम प्रवाह के कारण कई स्थानों पर सैकड़ों लोग पैदल चिनाब नदी पार करते हुए वीडियो बनाने के लिए नदी में उमड़ पड़े। कई उत्सुक स्थानीय लोगों ने नदी के टखने तक गहरे पानी में सोने और चांदी के आभूषण और सिक्के भी तलाशने शुरू कर दिए।
खतरे को भांपते हुए, अधिकारियों के नेतृत्व में पुलिस दल लोगों को हटाने के लिए आगे आए, क्योंकि दोपहर बाद जल स्तर फिर से बढ़ने लगा। पुलिस कर्मियों को लोगों को पैदल नदी पार न करने की चेतावनी देते हुए सार्वजनिक संबोधन प्रणाली का उपयोग करते देखा गया। एक पुलिस अधिकारी ने लोगों से बाहर निकलने की अपील करते हुए कहा, “जलग्रहण क्षेत्र में बारिश हुई है और अचानक जल-स्तर बढ़ने की उम्मीद है।” स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि उन्होंने कभी भी जल प्रवाह में इस स्तर तक गिरावट नहीं देखी।
स्थानीय निवासी अंकुर शर्मा ने कहा, “संधि के निलंबन ने सरकार को पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए बाढ़ और सूखे जैसे हालात पैदा करने की इजाजत दी। उन्हें पता होना चाहिए कि वे हर बार निर्दोष लोगों की हत्या करके भाग नहीं सकते।”
“हमने तो यही सुना था कि दरिया का गहराई बहुत है, कोई नाप नहीं पाया।बचपन से तो यही सुनते आ रहे थे लेकिन आज देखा लोग पैदल चल रहे हैं। मैं तो ये कहता हूं कि हमने अपने जीवनकाल में ऐसी चीजें देख ली हैं, जो सुनी भी नहीं थी। कोविड देखा। ये दरिया जो सोच भी नहीं सकते थे, वो सूख गया।”