Business: इन बोतलों में बंद इत्र तेजी से विश्व के बाजारों में भी अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है, जानकारी के अनुसार वर्तमान में सालाना वृद्धि दर 12 प्रतिशत को देखते हुए, भारतीय इत्र और फ्रेग्रेेंसज मार्केट 2027 तक 5.2 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
सरकार निर्यात को बढ़ावा देने और वैश्विक बाजार में भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए फ्रेग्रेसज प्रोडक्ट की गुणवत्ता पर खास ध्यान दे रही है। नियामकों के सामने आने वाली चुनौतियों में से एक फ्रेग्रेेंसज प्रोडक्ट के लिए मानक स्थापित करते समय विभिन्न हितधारकों के बीच आम सहमति हासिल करना है।
भारतीय मानक ब्यूरो ने सुगंध और स्वाद क्षेत्र के लिए 63 उत्पाद मानक विकसित किए हैं, फ्रेग्रेसज इंडस्ट्री घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों में अपनी एक अलग पहचान रखती है, ग्लोबल फ्रेग्रेसज इंडस्ट्री् का कुल कारोबार 24.1 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है, जिसमें भारत की हिस्सेदारी अभी केवल 500 मिलियन डॉलर है।
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भारतीय मानक ब्यूरो उप-महानिदेशक राजीव शर्मा ने कहा कि “फ्रेग्रेसज हमारा प्राथमिक फोकस क्षेत्रों में से एक है जिसमें हम मानक विकसित करते हैं। मानक तकनीकी समितियों के माध्यम से विकसित किए जाते हैं। इनमें विभिन्न हितों वाले सभी हितधारक शामिल हैं और वे सभी लोग मानकों को विकसित करने में योगदान देते हैं।”
उन्होंने कहा कि “जब भी हम मानक बना रहे हैं तो हम इस बात का ध्यान रख रहे हैं कि इसे पूरी दुनिया में स्वीकार किया जाए और हमें अपने निर्माताओं की विनिर्माण क्षमता का ध्यान रखना चाहिए और उनकी रक्षा करनी चाहिए और जब हम निर्यात कर रहे हों तो भी। हमारे पास आईएस47 पार्ट टू है। और हम उन कैमिकल्स को सूचीबद्ध करने का प्रयास कर रहे हैं जिनकी विदेशों में कई संगठनों द्वारा अनुमति नहीं है।”