Tripura: परंपरा और आस्था का अद्भुत उदाहरण पेश करते हुए त्रिपुरा के खोवाई जिले के आशारामबारी गांव की महिलाओं ने शनिवार रात दो मेंढकों का विवाह कराया। ये विवाह हिंदू रीति रिवाज के मुताबिक किया गया। ‘बांगर बिया’ (मेंढकों की शादी) के नाम से मशहूर इस रस्म को इस मान्यता के साथ किया गया कि इससे भगवान इंद्र प्रसन्न होंगे और सूखे से प्रभावित क्षेत्र में बारिश करेंगे।
परंपरा के अनुसार, हिंदू विवाह की सभी रस्मों के बाद दो मेंढकों की शादी कराई गई। इस समारोह में तालाब या नदी में औपचारिक स्नान, ‘दुल्हन’ और ‘दूल्हे’ को नए कपड़े पहनाना, मालाओं का आदान-प्रदान करना और यहां तक कि मादा मेंढक पर सिंदूर लगाना भी शामिल था।
आयोजकों ने इस रस्म को आयोजित करने के लिए स्थानीय ग्रामीणों से चंदा इकट्ठा किया, इस उम्मीद के साथ कि इससे सभी को लाभ होगा। पिछले सालों के विपरीत, इस क्षेत्र में अभी तक बारिश बहुत कम हुई है, जिससे कृषि उत्पादन को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।
मेंढक और मेंढकी की शादी को देखने के लिए पूरा गांव उमड़ पड़ा। बड़ी संख्या में लोग बारिश के लिए प्रार्थना करने के लिए इकट्ठा हुए। 100 से ज्यादा ग्रामीणों ने समारोह में भाग लिया, “बंगर बिया” की धुन पर गाते और नाचते दिखे।